मोदी का जादू अब गांव में भी दिखने लगा है और जादू भी ऐसा कि झाबुआ के कालाखूंट गांव का नाम बदलकर मोदी फलिया (मोहल्ला) रख दिया गया है। जब इस मोहल्ले में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 36 घर एक साथ बनाए गए, तो कालाखूंट पंचायत ने खुश होकर गांधी जयंती के अवसर पर ‘भगत फलिए का नाम बदलकर ‘मोदी फलिया रख दिया। बता दे, सभी ग्रामवासियों की सहमति से इस फलिए का नाम बदला गया है, साथ ही मोदी फलिए का बोर्ड भी लगा दिया गया है।
भगत फलिए से मोदी फलिए का सफर
गौरतलब है कि मोदी फलिया यानि मोदी मोहल्ला देश का पहला ऐसा मोहल्ला है, जिसे प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर रखा गया है। देश के प्रधानमंत्री मोदी को इस सम्मान से इसलिए नवाजा गया है क्योंकि वर्ष 2016-17 में, मध्य प्रदेश के झाबुआ जनपद की पंचायत कालाखूंट के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 285 आवास स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 120 मकान बनकर तैयार हो चुके हैं। बता दे, कालाखूंट पंचायत के अंतर्गत चार गांव आते हैं, जिनके नाम कालाखूंट, खटापानी, पिटोल छोटी और पांचकानाका हैं। इन चारों गांवों की कुल आबादी करीब साढ़े तीन हजार हैं।
2016-17 में भगत फलिए के 450 ग्रामीणों के लिए आवास उपलब्ध कराने का वादा किया था, जिसे पूरा करते हुए जब 36 परिवारों को एक साथ घर मिले, तो अपने सर पर छत पाकर लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जिसके बाद कालाखूंट पंचायत ने सभी ग्रामवासियों की सहमति से भगत फलिए का नाम बदलकर मोदी फलिया रख दिया। बेघर लोगों को घर मिलने की खुशी इस कदर थी कि गांववासियों ने मोदी का शुक्रियादा इस अनोखे अंदाज में किया।
डेढ़ लाख का एक आवास
बता दे 2016-17 में, कालाखूंट गांव के लिए 285 आवास स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 120 मकान बनकर तैयार हो चुके हैं और इस साल 66 आवास की स्वीकृति और मिल चुकी हैं। इस बारे में पंचायत सचिव नरवरसिंह नायक ने बताया कि 1 लाख 20 हजार स्र्पए मकान का, 15,400 मनरेगा, 12 हजार शौचालय का और अन्य मदद को मिलाकर कुल डेढ़ लाख में एक आवास बनकर तैयार हो गया है।