इतिहास के गर्भ में कौन-कौन से राज छिपे हैं, ये कोई नहीं जानता। लेकिन ऐसे राज से बीच-बीच में पर्दा उठते रहते हैं। कुछ इसी तरह का राज सुभाषचंद्र बोस के मृत्यु के हैं तो कुछ लाल बहादुर शास्त्री के। लेकिन अब भारत के महान आत्मा और देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मृत्यु पर भी सवाल उठने लगे हैं। मुंबई के डॉ. पंकज फडनवीस ने कई बिंदुओं के आधार पर महात्मा गांधी की हत्या की दोबारा जांच कराने के लिये याचिका दायर की थी। इसपर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने कई सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट अब महात्मा गांधी हत्या की पुनः जांच कराने वाली याचिका पर 30 अक्तूबर को सुनवाई करेगा।

क्या महात्मा गांधी का कोई दूसरा हत्यारा भी था? वैसे पुलिस तो इस कहानी पर भरोसा करती है कि गांधी पर तीन गोलियां चलाई गई थीं, लेकिन क्या चौथी गोली भी थी जिसे नाथूराम गोडसे के अलावा किसी और ने चलाया था? ऐसे कई सवाल सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में उठाए गए हैं और साथ ही अनुरोध किया गया है कि एक नया जांच आयोग गठित करके गांधी की हत्या के पीछे की बड़ी साजिश का खुलासा किया जाए। किंतु सुप्रीम कोर्ट को भी इस याचिका में काफी असमंजस है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या इस केस में पर्याप्त सबूत हैं कि दोबारा जांच के आदेश दिए जा सकते हैं या नहीं। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दो लोगों को फांसी दी गई और आपके हिसाब से तीसरा व्यक्ति भी था,क्या कोई जिंदा है। इस तरह से कई सवाल कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा। हालांकि याचिकाकर्ता के जुटाए दस्तावजों से संतुष्ट होकर कोर्ट ने 30 अक्तूबर की तारीख लगा दी।

डॉ. पंकज अभिनव भारत के रिसर्चर और ट्रस्टी हैं और उनका मानना है कि इस मामले में बहुत कुछ छुपाया गया है। कोर्ट ने इस मामले में कोर्ट की सहायता करने के लिए पूर्व सॉलिसिटर जनरल और वरिष्ठ वकील अमरेंदर शरण को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया है।

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