हरियाणा की  एक निचली अदालत ने आज योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। यह वारंट याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायिक मजिस्ट्रेट हरीश गोयल ने भादंसं की धारा 504 (शांति भंग करने की मंशा से जानबूझकर अपमानित करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत भेजा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के पूर्व कांग्रेस मंत्री बत्रा के वकील ओ. पी. चुग ने पत्रकारों को बताया कि निचली अदालत ने बाबा रामदेव को एक लाख रुपए के निजी मुचलके के साथ 14 जून को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है।’Warrant issued against Baba Ramdev

क्या था  मामला और क्यों दिया बयान

पिछले साल रोहतक में आयोजित किए गए सद्भावना सम्मेलन के दौरान योग गुरु बाबा रामदेव ने भारत माता की जय बोलने से इंकार करने वालों पर टिप्पणी की थी। योग गुरू रामदेव ने ओवैसी पर तंज कसते हुए कहा,‘कुछ लोग टोपी पहनकर कहते हैं कि भले ही गर्दन कट जाए लेकिन वह भारत माता की जय नहीं बोलेंगे।‘ साथ ही उन्होंने आगे कहा,‘हमारे हाथ कानून से बंधे हैं नहीं तो लाखों सिर काटने की हिम्मत रखते हैं।‘ गौरतलब है कि मार्च 2016 में महाराष्ट्र के लातूर जिले के उदगीर में जनसभा को संबोधित करते हुए एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,’मैं भारत में रहूंगा लेकिन भारत माता की जय नहीं बोलूँगा, चाहे कोई उनके गर्दन पर चाकू भी रख दे, उन्होंने आगे कहा कि हमारे संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि भारत माता की जय बोलना जरूरी है।‘

सुभाष बतरा ने दायर की याचिका

बाबा रामदेव के बयान के बाद कांग्रेस नेता सुभाष बतरा ने रामदेव के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के मामले में कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसका संज्ञान लेते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट हरीश गोयल ने 2 मार्च को बाबा रामदेव के खिलाफ वारंट जारी किया था हालांकि बाबा रामदेव अदालत में पेश नहीं हुए थे।

वहीं दूसरी तरफ एआईएमआईएम नेता मोहम्मद बिन उमर ने बाबा रामदेव के खिलाफ हैदराबाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उमर ने उनपर आरोप लगाया की रामदेव ने कहा कि अगर संविधान ने उनके हाथों को जकड़ा नहीं होता तो वह उन लाखों लोगों के सिर कलम कर देते जो भारत में रहकर भारत माता की जय के नारे नहीं लगाते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here