कैराना के गांव भूरा से एक पीठासीन अधिकारी के साथ मारपीट का मामला सामने आ रहा है। जहां फर्जी मतदान रोकने की कोशिश करने पर एक सहायक अधिकारी के साथ मारपीट की गई। साथ ही भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पुलिस अधिकारी पहुंच गए और किसी तरह मामले को संभाल लिया। पुलिस ने लोगों को समझाकर शांति से वोट डालने की अपील की है। खबर के मुताबिक, फर्जी वोट डालने वाले व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र सहित देश के 10 राज्यों में 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए वोटिंग की जा रही है। शाम 5 बजे तक नूरपुर सीट पर 57 प्रतिशत वोटिंग की गई। वहीं कैराना में शाम 5 बजे तक 49.5 प्रतिशत मतदान हुआ तो वहीं पालघर में शाम 5 बजे तक 40.37 प्रतिशत वोटिंग हुई। मेघालय में अंतिम मतदान 90.42 फीसद मतदान दर्ज किया गया तो नागालैंड की लोकसभा सीट के लिए कुल 75 फीसद मतदान रिकॉर्ड किया गया। जबकि पश्चिम बंगाल की माहेशताला में शाम पांच बजे तक 70.01 फीसद मतदान हुआ। और पंजाब के शाहकोट में हुए उपचुनाव में पांच बजे तक 69 फीसद मतदान हुआ था।

इस बीच उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और केरल में कई बूथों पर ईवीएम में खराबी की शिकायतें भी सामने आई। इस मामले में शिवसेना ने बीजेपी पर आरोप लगाया तो वहीं एनसीपी ने सवाल किया कि आखिर महाराष्ट्र में ईवीएम मशीनें गुजरात के सूरत से क्यों मंगाई गईं। महाराष्ट्र में ईवीएम खराब होने के चलते 35 बूथों पर वोटिंग रद्द किए जाने की खबर थी, हालांकि चुनाव आयोग ने इससे इनकार किया।

तो वहीं दूसरी तरफ कैराना लोकसभा से आरएलडी उम्मीदवार तबस्सुम हसन ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे चुनाव को प्रभावित किया जा रहा है। स्थानीय प्रशासन दबाव में काम कर रहा है। दलित, मुस्लिम और जाट बहुल इलाकों में ईवीएम में गड़बड़ियां की जा रही हैं।

उल्लेखनीय है कि कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीट पर आज मतदान हो रहे हैं। दोनों सीटों पर कई जगह बड़ी तादाद में ईवीएम के खराब होने की बात सामने आ रही है। इसे लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा कि शामली, कैराना, गंगोह, नकुड, थानाभवन और नूरपुर के लगभग 175 पोलिंग बूथों से EVM-VVPAT मशीन के ख़राब होने की शिकायत तुरंत सुनी जाए। अखिलेश ने कहा कि उप चुनाव में जगह-जगह से EVM मशीन के ख़राब होने की ख़बरें आ रही हैं, लेकिन फिर भी अपने मताधिकार के लिए ज़रूर जाएं और अपना कर्तव्य निभाए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here