पश्चिम बंगाल में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई झड़पों ने अब हिंसक रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने कुछ गाड़ियों में आग लगा दी और पुलिसकर्मियों पर हमला कर उन्हें घायल भी कर दिया है । दरअसल पहले पुलिस ने कैबिनेट बैठक की जगह जाने की कोशिश कर रहे जीजेएम समर्थकों पर लाठीचार्ज किया था और फिर आंसू गैस के गोले भी छोड़े थे।  जिसके बाद देखते ही देखते दोनों के बीच में हिंसा बढ़ने लगी। हालात इतने खराब हो गए कि बाद में स्थिति से निपटने के लिए सेना की दो टुकड़ियां को तैनात करना पड़ा।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की कोलकाता से बाहर दार्जिलिंग में यह पहली कैबिनेट बैठक थी। ममता बनर्जी के फैसले से नाराज गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) पश्चिम बंगाल में पहाड़ के स्कूलों में बंगाली भाषा ‘थोपने’ का लगातार विरोध कर रही थी। राजभवन में उस वक्त कैबिनेट की बैठक चल रही थी जब जीजेएम समर्थकों ने पुलिस द्वारा खड़े किए गए बैरीकेड तोड़ने की कोशिश की और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया।  पुलिस सूत्रों की माने तो उन्होंने पुलिस की कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया और कुछ वाहनों में आग के हवाले कर दिया।  इसी दौरान हुई झड़प में एक पुलिस उपाधीक्षक समेत 10 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।

वहीं जीजेएम ने तृणमूल कांग्रेस पर अपनी फूट डालो राज करो की नीति के तहत दार्जिलिंग की शांतिभंग करने की कोशिश का आरोप लगाया है। जीजेएम ने जहां 9 जून को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि जीजेएम के पास कोई मुद्दा नहीं है। उनके पास लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्हें ऐसा करने दीजिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here