दिल्ली विधानसभा में सोमवार को एक दिन के विशेष सत्र में अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग को लेकर शोर-शराबा कर रहे विपक्ष के नेता विजेन्द्र गुप्ता और आम आदमी पार्टी(आप) के बागी विधायक कपिल मिश्रा को मार्शल के जरिये सदन से बाहर निकाला गया। पिछले सप्ताह दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर एक व्यक्ति के कथित तौर पर मिर्ची पावडर फेंकने और मतदाता सूची में लाखों की संख्या में नाम काटने पर चर्चा के लिए विशेष सत्र बुलाया गया था। आप का आरोप है कि जिन मतदाताओं के नाम काटे गए हैं, वे पार्टी के समर्थक हैं ।

सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, गुप्ता और मिश्रा ने उनकी तरफ से रखे गए मुद्दों पर चर्चा की मांग की और जोर-जोर से अपनी बात कही। करावल नगर से आप के बागी विधायक एवं पूर्व मंत्री मिश्रा ने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों की हड़ताल और राजधानी में प्रदूषण के मुद्दे को उठाया। मिश्रा के मुद्दा उठाने और अपनी बात रखने पर अड़े रहने से अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने मार्शल को उन्हें बाहर निकालने का निर्देश दिया। दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन दिल्ली पुलिस को आप सरकार के अधीन लाने के लिए सदन में एक प्रस्ताव पढ़ रहे थे । इस दौरान गुप्ता ने जोर-जोर से अपनी बात कहना शुरू किया जिस पर उन्हें भी मार्शल के जरिये सदन से बाहर निकलवा दिया गया ।

मिश्रा ने बाद में ट्वीट कर कहा “दिल्ली विधानसभा ने किसी विधायक को मार्शल के जरिये बाहर निकालने का नया विश्व रिकार्ड बनाया। सोमवार को 19 वीं मौका था जब मार्शल के माध्यम से मुझे सदन से बाहर किया गया। सदन की कार्यवाही शुरू हुए पांच मिनट भी नहीं हुए थे। मेरी गलती यह थी कि मैंने डीटीसी के अनुबंध पर काम कर रहे कर्मचारियों. दिल्ली में प्रदूषण और बंगलादेशियों का मुद्दा उठाना चाहा।”

दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन जो स्वयं भी दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं, ने गोयल को पत्र लिख कर निजी मसले पर सत्र बुलाने की आलोचना की थी। माकन ने इस तरह सदन का सत्र बुलाने को “दुर्भाग्यपूर्ण” करार दिया था। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में निजी मसलों पर बुलाये गये सत्र को रोकने की मांग भी की थी।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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