Uttarakhand Silkyara Tunnel: बीत गए 16 दिन, जारी है 41 मजदूरों को बचाने की जंग… क्या मैन्युअल ड्रिलिंग से होगा चमत्कार?

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Uttarakhand Silkyara Tunnel: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों के बचाव अभियान का आज 16 वां दिन है। 41 मजदूरों की जिंदगी को बचाने की राह में अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। सुरंग में फंसी खराब ऑगर मशीन के टुकड़ों को बाहर निकाल लिया गया है और अब इंसीनी ताकत के सहारे ही मजदूरों को बाहर निकालने की कवायद शुरू की जाएगी। आज सोमवार से वर्टिकली ड्रिलिंग के साथ मैन्युअली हॉरिजॉन्टल खुदाई भी शुरू हो सकती है। 16 दिन से फंसे 41 मजदूरों तक पहुंचने के लिए 86 मी. वर्टिकल ड्रिलिंग होनी है। इसमें अब तक 31 मीटर खुदाई हो चुकी है।

बताया जा रहा है कि सुरंग के भीतर करीब 10 मीटर बिना किसी रुकावट के काम करने में 20 से 22 घंटे का वक्त लगेगा। रैट माइनिंग के दौरान अगर कुछ मामला फंसेगा तो मशीन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ये रैट माइनर्स क्षतिग्रस्त पाइपलाइन के सेक्शन को हटाने के लिए मैन्युअल ड्रिलिंग करेंगे।

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Uttarakhand Silkyara Tunnel Rescue

Uttarakhand Silkyara Tunnel: शुरू होगी मैन्युअल ड्रिलिंग

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने कहा कि ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया है। मैन्युअल ड्रिलिंग 3 घंटे के बाद शुरू होगी। हमें 9 मीटर हाथ से सुरंग बनाने का काम करना है। यह वास्तव में निर्भर करता है जमीन कैसे व्यवहार करती है। जल्दी भी हो सकता है, थोड़ा लंबा भी हो सकता है।

उत्तरकाशी पहुंचे केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह

केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (रि.) सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे जहां फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है।

मामले पर PM Modi बनाए हुए हैं नजर

उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बचाव अभियान में सभी ने काफी प्रयास किया है। उन्होंने मशीन का आधा हिस्सा काट दिया है। पाइप के आगे का हिस्सा मुड़ गया है फिर ड्रिलिंग का काम शुरू होगा। टनकपुर से जो श्रमिक फंसे थे, मैं उनके परिवार से मिला। पीएम नरेंद्र मोदी भी इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए हैं।

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