Uttarkashi Tunnel Rescue: अंतिम चरण में पहुंचा टनल में फंसे मजदूरों को निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन, चंद घंटों में मिल सकती है बड़ी सफलता

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Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी के निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है। इन श्रमिकों को सुरंग के भीतर फंसे हुए 300 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। रेस्क्यू की राह में कई तरह के अवरोध आ रहे हैं। हालांकि अब पाइप और मजदूरों के बीच महज 9-10 मीटर की दूरी बची हुई है।

बता दें, एनडीआरएफ ने मॉक ड्रिल कर उस प्लॉन के बारे में भी जानकारी दी जिसके तहत सुरंग में फंसे मजदूरों स्ट्रेचर पर लिटाकर निकाला जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक सुरंग के नीचे 13 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को एक बड़े पाइप के माध्यम से एक-एक करके पहिए वाले स्ट्रेचर पर लिटाकर बाहर निकाला जाएगा।

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Uttarkashi Tunnel Rescue

Uttarkashi Tunnel Rescue: चंद घंटों में मिल सकती है बड़ी सफलता

पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे कहा कि कल रात रेस्क्यू टीम ने 3 बड़े काम किए। हमने पाया कि अगले 5 मीटर तक बरमा के रास्ते में कोई बाधा नहीं है। आशा है हम सहजता से आगे बढ़ सकेंगे। अगले 12 से 15 घंटे में सफलता मिल सकती है।

  • बरमा मशीन के प्लेटफार्म का सुदृढ़ीकरण
  • बरमा के सामने बाधा को हटाना और 800 मिमी पाइप के मुंह का पुनर्निर्माण करना, जो बाधा के कारण दब गया था।
  • मलबे को स्कैन करने के लिए ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) का उपयोग किया।

Uttarkashi Tunnel Rescue: आज शाम तक मजदूरों को निकालने की उम्मीद -भास्कर खुल्बे

पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि हमें उम्मीद है कि हम आज शाम तक मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाएगा। ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार द्वारा स्कैन आंकड़ों का हवाला देते हुए खुल्बे ने कहा कि मलबे को 46 मीटर तक भेदा जा चुका है और इसके आगे पांच मीटर तक धातु की कोई अड़चन नहीं है। उन्होंने बताया कि मलबे में डाले गए पाइप के करीब दो मीटर के हिस्से को काटना पड़ा क्योंकि ड्रिलिंग के दौरान आगर मशीन के सामने अवरोध आने के कारण हुए घर्षण की वजह से यह मुड़ गया था।

उत्तरकाशी में ही रूके हुए हैं CM पुष्कर सिंह धामी

बता दें, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह भी बचाव कार्यों की देखरेख के लिए उत्तरकाशी में ही रूके हुए हैं। बुधवार शाम उत्तरकाशी पहुंचे धामी फिलहाल सिलक्यारा के निकट मातली में रह रहे हैं जहां उन्होंने अपना अस्थाई कैंप कार्यालय स्थापित किया है। जनरल सिंह उत्तरकाशी में स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में ठहरे हुए हैं।

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