भ्रमित करने वाले विज्ञापन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई Patanjali Aayurveda को फटकार, कहा-भ्रामक विज्ञापन बंद करें नहीं तो..

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SC on Patanjali Aayurveda : योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आर्युवेद को सुप्रीम कोर्ट ने उसके भ्रामक विज्ञापनों पर नाराजगी जताई है। आयुर्वेदिक दवाओं और कॉस्मेटिक का बिजनेस चालने वाली कंपनी ‘पतंजलि आर्युवेद’ पर आरोप है कि उसने कई बीमारियों के इलाज के लिए अपने विज्ञापनों में भ्रामक दावे किए हैं। जिसपर कोर्ट ने पतंजलि कंपनी को सुनवाई के दौरान जुर्माना लगाने की चेतावनी भी डे डाली। सुप्रीम कोर्ट के दो जस्टिस वाली बेंच ने पतंजलि द्वारा एलोपैथ को लेकर भ्रामक दावे और विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए पतंजलि को फटकार लगाई। बता दें, इस मामले पर अगली सुनवाई जनवरी के पहले हफ्ते में होगी।

भ्रामक विज्ञापन के इस मामले पर जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने मंगलवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की याचिका पर सुनवाई करते हुए मौखिक रूप से कहा, “पतंजलि आयुर्वेद के ऐसे सभी झूठे और भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत रोकना होगा। अदालत ऐसे किसी भी उल्लंघन को पूरी गंभीरता से लेगी…।”

SC on Patanjali Aayurveda : भ्रामक विज्ञापन पर अब लगेगा जुर्माना- SC

कोर्ट ने पतंजलि पर भारी जुर्माना लगाने की चेतावनी देते हुए उन्हें एलोपैथ की दवाओं और टीकाकरण के खिलाफ कोई भ्रामक विज्ञापन या गलत दावा न करने को कहा। साथ ही कोर्ट कहा कि हम इस मामले को एलोपैथ बनाम आयुर्वेद की बहस नहीं बनाना चाहते है,बल्कि याचिकाकर्ताओं ने जो मुद्दा उठाया है। उसका समाधान ढूंढना चाहते हैं। कोर्ट ने कहा, अगर कंपनी इसी तरह के भ्रामक विज्ञापनों का प्रसारण जारी रखेगी तो उन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है।

केंद्र भ्रामक विज्ञापनों पर बनाए एक योजना- SC

इसके अलावा, कोर्ट ने केंद्र सरकार से भ्रामक चिकित्सा विज्ञापनों से निपटने के लिए एक योजना बनाने को कहा है।

बता दें, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि द्वारा एलोपैथ के विज्ञापनों के खिलाफ याचिका दाखिल कर उनपर रोक लगाए जाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है। IMA की तरफ से उन विज्ञापनों पर रोक लगाई जाने और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाने की मांग की है।

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