UP Election में अब कुछ ही महीने शेष बचे हैं। ऐसे में सभी तरफ से बयानबाजी की होड़ मची है। समाज में केवल राजनैतिक तबका ही नहीं, साधारण नागरिक और यहां तक कि संत समाज भी बयानबाजी से गुरेज नहीं कर रहे हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी की ओर से आया है।
अखाड़ा परिषद ने जारी किया योगी आदित्यनाथ के समर्थन में बयान
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के महंत रविंद्र पुरी ने गद्दी पर बैठने के बाद घोषणा की है कि अखाड़ा परिषद यूपी और उत्तराखंड चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए उसका समर्थन करेगी और योगी आदित्यनाथ फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे।
वैसे महंत रविंद्र पुरी ने जैसे ही चुनाव संबंधी बयान जारी किया, संत समाज के एक तबके ने इसका विरोध भी किया। लेकिन विरोध के बावजूद महंत रविंद्र पुरी अपने बयान पर कायम रहे और उन्होंने उसके बाद कहा कि जो राजनीतिक पार्टी राम के साथ है, अखाड़ा परिषद भी उसके साथ है। महंत ने कहा कि अगर सनातन धर्म को बचाना है, तो योगी को दोबारा लाना ही होगा।
महंत रविंद्र पुरी पूर्व महंत नरेंद्र गिरि के विरोधी रहे हैं
अखाड़ा परिषद ने सोमवार को महंत रविंद्र पुरी को सर्वसम्मती से अपना अध्यक्ष चुन लिया। रविंद्र पुरी को 7 अखाड़ों की मौजूदगी में अध्यक्ष चुना गया। हालांकि, उन्होंने 19 अक्टूबर को ही स्वयं ही अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष घोषित कर दिया था। महंत नरेंद्र गिरि की कथित हत्या के बाद गद्दी पर बैठने वाले रविंद्र पुरी महंत नरेंद्र गिरि के काम करने के तरीकों से सहमत नहीं थे।
महंत रविंद्र पुरी हरिद्वार (Haridwar) के कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर व महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव हैं। वह 35 साल पहले संन्यास लेकर महानिर्वाणी अखाड़े में शामिल हुए थे। रविंद्र पुरी 1998 के कुंभ मेले के बाद अखाड़े की कार्यकारिणी में शामिल हुए। उन्हें 2007 में अखाड़े का सचिव बनाया गया।
“प्रयागराज” नाम की मंजूरी के लिए योगी आदित्यनाथ बधाई के पात्र: अखाड़ा परिषद