पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी टोक्यो बन पाए या न बन पाए लेकिन कब्रिस्तान जरूर बन गया है। हर जगह त्राहिमाम्-त्राहिमाम् की गूंज सुनाई दे रही है। बता दें कि वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के पास एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर का एक हिस्सा ढह जाने से मलबे में दबकर कम से कम 18 लोगों की मौत हो गयी। मृतकों की संख्या अभी बढ़ सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि मलबे के भीतर और भी लोगों के दबे होने की आशंका है। मलबे के भीतर फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए बचाव दल घटनास्थल पर मौजूद है। इस हादसे में 30 से ज्यादा लोग घायल हैं। हादसे के बाद वाराणसी पहुंचे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने चार लोगों को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है, जो 15 दिन के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी। घटना के बाद सीएम योगी और पीएम मोदी ने दुख जताया है।
वाराणसी में कैण्ट स्टेशन के सामने निर्माणाधीन पुल के एक हिस्से के गिरने की दुर्घटना में लोगों की मृत्यु पर गहरा दुःख हुआ। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति एवं परिजनों को संबल देने की प्रार्थना करता हूँ।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 15, 2018
मंगलवार के शाम 5.45 मिनट का समय था और वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन के पास तीन साल से बन रहे फ्लाईओवर का एक हिस्सा भड़भड़ाकर नीचे गिर गया। चारों तरफ हाहाकार मच गया। कुछ लोगों की सांसे वहीं थम गई तो कुछ मदद की गुहार लगा रहे थे। हादसे की सूचना के बाद पीएम मोदी ने सीएम योगी से बात की और हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है। बता दें कि पुल की शटरिंग के लिए बने वजनी पिलर के नीचे रोडवेज बस, बोलेरो समेत कई दोपहिया वाहन दब गये जिनको क्रेन से बाहर निकाला जा रहा है। सस्पेंड होने वाले अधिकारियों में चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर एचसी तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर केआर सूदन, सहायक अभियंता राजेश सिंह और अवर अभियंता लालचंद शामिल हैं।
एनडीआरएफ, सेना, पुलिस, पीएसी व स्थानीय लोगों की मदद से चार घंटे तक चले राहत और बचाव कार्य के बाद दोनों बीम को मौके से हटा दिया गया है। बता दें कि स्थानीय लोगों ने इसे प्रशासन की बड़ी लापरवाही बताया है। लोगों में इस हादसे को लेकर काफी गुस्सा है।