आधार को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी हो चुके हैं। ऐसे में जनता के बीच कई असमंजस भी बने हुए हैं कि कहां आधार जरूरी है और कहां नहीं। सिर्फ जनता ही नहीं कई संस्थानों में भी ये कंफ्यूजन बना हुआ है कि आधार कितना महत्वपूर्ण है। ऐसे में यूआईडीएआई लगातार अपने दिशा-निर्देश जारी कर रहा है ताकि जनता में टकराव की स्थिति न खड़ी हो। बच्चों के एडमिशन को लेकर यूआईडीएआई ने साफ कहा है कि कोई भी स्कूल अब आधार न होने के चलते किसी भी छात्र को प्रवेश देने से मना नहीं कर सकता है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने यह साफ कर दिया है कि अगर कोई स्कूल ऐसा करता है, तो वह अवैध गतिविधी होगी। अथॉरिटी ने स्कूलों को छात्र-छात्राओं के आधार पंजीकरण और अपडेट करने की खातिर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा है। प्राधिकरण के इस कदम से उन अभिभावकों और छात्रों को राहत मिलने की संभावना है जो दाखिले के समय स्कूलों द्वारा आधार कार्ड पर बल दिए जाने से प्रभावित हैं।

अथॉरिटी ने साफतौर से कहा है कि किसी भी बच्चे को दाखिला देने से इसलिए मना नहीं किया जा सकता, क्योंकि उसके पास आधार कार्ड नहीं है। प्राधिकरण ने ने कहा, स्कूल स्थानीय बैंकों, डाक कार्यालयों, राज्य शिक्षा विभाग के साथ मिलकर अपने परिसर में बच्चों का आधार कार्ड बनवाने और उसे अपडेट कराने की सुविधा मुहैया कराए।

यूआईडीएआई के मुताबिक हाल ही में आधार न होने के चलते स्कूलों की ओर से प्रवेश लेने से मना करने की कई मामले सामने आए है। जिसके बाद यह फैसला लिया है। यूआईडीएआई का कहना है कि स्कूल ऐसे लोगों को आधार बनाने की सुविधा उपलब्ध कराए। बता दें कि विश्वविद्यालयों की डिग्री और अंकपत्रों पर अब आधार नंबर नहीं छपेगा। यूजीसी ने आधार नियमों का हवाला देते हुए इसके प्रकाशन पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए है।

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