असुद्दीन औवेसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुसलमीन ( AIMIM) के एक विधायक  वारिस पठान को ‘गणपति बप्पा मोरया’ का नारा लगाना भारी पड़ गया। नारे पर विवाद शुरू होने और अपनी पार्टी से मिली फटकार के बाद वारिस पठान ने एक वीडियो जारी कर माफी मांगी है। हालांकि शिवसेना ने वारिस पठान का समर्थन करते हुए कहा है कि उन्हें माफी मांगने की जरूरत नहीं है।  मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वारिस पठान ने मुंबई में गणेशोत्सव के दौरान एक कार्यक्रम में पूजा की और ‘गणपति बप्पा मोरया’ का नारा लगाया था।

दरअसल, मुंबई के बायकुला विधानसभा सीट से AIMIM के विधायक वारिस पठान गणेश चतुर्थी के दौरान एक गणपति पंडाल पहुंचे थे, जहां उन्होंने भगवान गणेश की पूजा की थी। विधायक ने लोगों को संबोधित करते हुए ‘गणपति बप्पा मोरया’ का नारा लगाया और कहा था कि भगवान गणेश हर किसी के लिए खुशी लाएंगे और उनकी हर बाधा को दूर करेंगे। विधायक का यह वीडियो किसी ने रिकॉर्ड कर लिया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। जिसके बाद वीडियो वायरल हो गया।

वीडियो वायरल होने के बाद इस पर कई मुस्लिम नेताओं ने आपत्ति जताई थी। विवाद बढ़ता देख पठान ने मंगलवार को एक वीडियो जारी करते हुए अपनी ‘गलती’ स्वीकार की और माफी भी मांगी। पठान ने कहा है कि कुछ दिन पहले उन्होंने एक नारा लगाया था, जिसके लिए वह शर्मिंदा हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं मानता हूं कि मुझसे गलती हुई है और मैं आश्वासन देता हूं कि आगे से इस तरह की गलती दोबारा नहीं करूंगा। मैं भी इंसान हूं और हर इंसान से गलती होती है।

वहीं इस मामले में वारिस पठान के समर्थन में शिवसेना उतरी है। शिवसेना के अरविंद सावंत ने कहा कि एक मुसलमान के गणपति पंडाल में जाने में क्या बुराई है? क्या हिंदू अजमेर शरीफ की दरगाह नहीं जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘क्या गणपति बप्पा मोरिया कहना अपराध है? क्या इससे उनका धर्म बदल जाता है। बहुत से हिंदू भी नमाज के लिए जाते हैं।’

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