राफेल विमान सौदे को लेकर सियासी घमासान के बीच वायुसेना के उप प्रमुख रघुनाथ नांबियार ने मंगलवार को कहा कि लड़ाकू विमान के करार को लेकर लोगों को ‘गलत जानकारी’ दी जा रही है और मौजूदा सौदा पहले किए जा रहे समझौते से काफी बेहतर है। नांबियार ने पिछले हफ्ते फ्रांस में राफेल विमान को प्रायोगिक आधार पर उड़ाया था। उन्होंने कहा कि वायुसेना के तत्कालीन उपप्रमुख की अगुवाई में वाणिज्य सौदे पर बातचीत हुई थी और उन्होंने इस बातचीत को पूरा किया जो 14 महीने चली थी। उन्होंने कहा कि वायु सेना ने बेहतर कीमत, बेहतर रखरखाव की शर्तें, बेहतर प्रदर्शन के लिए साजोसमान के पैकेज को लेकर नेतृत्व से मिले सभी निर्देशों को पूरा किया है।

नांबियार ने कहा कि पहले जो हासिल किया गया था उससे यह काफी बेहतर है। 36 विमान खरीदने के सौदे के तहत ऑफसेट अनुबंध पर विपक्ष के आरोपों को लेकर पूछे गए सवाल पर वायु सेना के उपप्रमुख ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि लोगों को गलत जानकारी दी जा रही है। ऐसा कुछ नहीं है कि एक पक्ष को 30,000 करोड़ रुपये जा रहे हैं।

नांबियार हाल ही में फ्रांस में राफेल युद्धक विमान उड़ा चुके है। उन्होंने मीडिया को बताया कि पूर्व में हम सभी विमानों का मूल्यांकन कर चुके हैं। हर तरह से यह बहुत अच्छा सौदा है। यह 2008 में हुए सौदे से कहीं बेहतर है। हमने छह सिद्धांतों पर इसे परखा और राफेल हमारी सभी जरूरतों को पूरा करता है। हमारे विचार से यह विमान तकनीकी रूप से सबसे अधिक सक्षम होने के साथ ही व्यापारिक कसौटी पर भी बेहतर है।

गौरतलब है कि तमाम विवादों के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने राफेल डील पर सीधे जवाब देने से परहेज किया और कहा कि जब भारत और फ्रांस के बीच 36 विमानों के लिए लाखों डॉलर के सौदे पर हस्ताक्षर हुए थे, तब वो सत्ता में नहीं थे।

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