अगले साल होने जा रहे आम चुनाव से पहले भारत की अपनी पहली यात्रा पर आए सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी ने सोमवार को कहा वह अपने नेटवर्क पर फर्जी खबरों पर अंकुश लगाने को प्रतिबद्ध हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि इस समस्या का कोई एक पक्का समाधान नहीं है। डोरसी सोशल मीडिया साइटों पर फर्जी संदेशों और सूचनाओं के प्रसार और इनसे कई बार कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा होने की चिंताओं के बीच डोरसी भारत पहुंचे हैं। ट्विटर भारत को अपने प्राथमिक बाजारों में मानता है।

उसके प्लेटफार्म पर भारत के कई राजनेता और दूसरे लोग हैं जो कि चुनावों के समय स्थानीय लोगों और मतदाताओं के साथ संपर्क में रहने के लिये उसके प्लेटफार्म का काफी जोर-शोर से इस्तेमाल करते हैं।

आईआईटी दिल्ली में आयोजित टाउनहॉल को संबोधित करते हुये डोरसी ने कहा, ‘‘कई बार विचार विमर्श के बाद यह महत्वपूर्ण माना गया है कि इस समस्या के मामले में हम जितना सख्त हो सकें उतना किया जाये क्योंकि फर्जी खबर और गलत सूचनाओं को किसी एक श्रेणी में वर्गीकृत करना बड़ी समस्या है।’’ उन्होंने आगे कहा, ”यदि कुछ संदेश भ्रामक और फर्जी पाये जाते हैं तो यह कंपनी का काम है कि यह सुनिश्चित करे की ऐसी सूचना को अलग किया जाये और प्रसारित होने से रोका जाये।”

यदि जारी की गई सूचना की मंशा ठीक नहीं है, तो हमें यह समझना होगा और इस तरह की सूचना को अलग करना होगा। उसके बाद यह हमारा काम है कि यह आगे नहीं फैले और देखना होगा कि यह अपनी तय सीमा को पार नहीं करे।

डोरसी ने आज इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा, ‘ट्विटर के सह-संस्थापक एवं सीईओ जैक डोरसे से आज सुबह बातचीत हुई। ट्विटर वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक प्रभावशाली संवाद मंच के रूप में उभरा है।’

क डोरसी ने कहा कि फर्जी संदेशों और भ्रामक जानकारी की समस्या को दूर करने के लिये यह समझना भी जरूरी है कि सूचना में क्या कहा गया है और उसके पीछे मंशा क्या है। उन्होंने कहा, यह एक के बाद एक बहुआयामी समस्या है और इसका कोई एक समाधान नहीं है। यह सुरक्षा की तरह है. कोई भी ऐसा ताला नहीं बना सकता है जिसे कोई तोड़ नहीं सकता।’’

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