ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच रार चल रही है। बड़ी रार तकरार के बाद भी भारत ट्विटर से जानकारी मांगने वाला पहले स्थान पर पहुंच गया है। दुनियाभर में किए गए इस तरह के अनुरोधों में भारत की हिस्सेदारी 25 फीसद है। जापान दूसरे स्थान पर तो अमेरिका की हिस्सेदारी 22 फीसदी है।

माइक्रो ब्लागिंग साइट ने बुधवार को अपनी पारदर्शिता रिपोर्ट वाले ब्लाग में कहा कि भारत सामग्री को हटाने की कानूनी मांगों की संख्या के लिहाज से भी जापान के बाद दूसरे स्थान पर है। भारत में आईटी कानून का पालन न करने को लेकर भारत और ट्विटर के बीच कई बार नोक झोक हो चुकी है।

माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर इस तरह की जानकारी मुहैया कराने के लिए साल में दो बार रिपोर्ट पेश करता है। ट्विटर ने कहा कि उसने दुनिया भर की सरकारों के इस तरह के अनुरोधों में से 30 फीसद के जवाब में कुछ या पूरी सूचना मुहैया कराई। ट्विट से मिली जानकारी के अनुसार सूचना के अनुरोधों के मामले में अमेरिका दूसरे स्थान पर है, जिसकी हिस्सेदारी 22 फीसद है।

ट्विटर ने बताया कि सामग्री को हटाने की कानूनी मांगों की संख्या की लिहाज से शीर्ष पांच देशों में क्रमश: जापान, भारत, रूस, तुर्की व दक्षिण कोरिया आते हैं। पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार ट्विटर को अनुसार जुलाई-दिसंबर 2020 के दौरान, ट्विटर को 1 लाख 31 हजार 933 खातों को निर्दिष्ट करने वाली सामग्री को हटाने के लिए 38,524 कानूनी मांगें।

बता दे कि भारत सरकार और ट्विटर के बीच रार चल रही है। ट्विटर कई बार आईटी नियमों का उल्लंघन कर चुका है। ट्विटर एमडी पर कई एफआईआर दर्ज हो चुकी है। आईटी मंत्रालय के सख्ती के बाद ट्विटर ने हजारों फेक ट्विटर अकाउंट को खत्म कर दिया है। भारत में ट्विटर के 1.75 करोड़ उपभोगकर्ता हैं। साइट ने हाल ही में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया है।

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