भले ही हम चांद और मंगल पर पहुंच गए हो लेकिन आज भी देश के कई इलाकों में अंधविश्वास के चलते बलि दी जाती है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी के मंझनपुर में सदर कोतवाली के देवखरपुर गांव से सामने आया है जहां एक दस साल के बच्चे की बलि देने की कोशिश की गई। बच्चे को पहले शराब पिलायी गई और फिर उसे देव स्थान पर ले जाकर उसकी बलि देने का प्रयास किया गया।

दरअसल, देवखरपुर गांव निवासी मोतीलाल अपनी पत्नी गोमती देवी के साथ शनिवार को मैहर गया था। घर पर उसका दस वर्षीय बेटा रंजीत अपनी दो छोटी बहनों के साथ था। रविवार को बच्चों की देखभाल के लिए रंजीत की बड़ी बहन व जीजा घर आए।

रविवार की शाम रंजीत घर से सब्जी लेने के लिए निकला, लेकिन वापस नहीं लौटा। परेशान घरवाले उसकी खोजबीन कर रहे थे। इसी दौरान एक महिला गांव में शोर मचाते हुए पहुंची कि कुछ लोग रंजीत को काली माता की थान (चबूतरे) पर बलि देने के लिए ले गए हैं।

इस पर ग्रामीण थान की ओर भागे। ग्रामीणों से घिरता देख आरोपी भाग निकले। रंजीत बेसुध था और उसके मुंह से शराब की बदबू आ रही थी। पास में पूजा का सामान पड़ा था। घटना की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने बच्चे को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

वहीं होश आने पर रंजीत ने बताया कि गांव के कुछ लोग उसे जबरन अपने साथ ले गए और कच्ची शराब पिलाई। विरोध करने पर पीटा गया। इसके बाद वह लोग काली माता की थान में उसकी पूजा कर रहे थे। रंजीत के बयान के आधार पर पुलिस ने दो संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया है।

सदर इंस्पेक्टर राकेश चौरसिया ने कहा कि प्रारंभिक जांच में बच्चों के विवाद को लेकर मारपीट की बात सामने आ रही है। रंजीत का इलाज कराया जा रहा है। घरवालों की तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई जाएगी।

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