आज देशभर में 9 लाख से ज्यादा दवा विक्रेता अपनी दुकानों को बंद रखेंगे। दरअसल ये बंद ऑनलाइन दवाओं की बिक्री, रिटेलर के लिए मार्जिन कम किए जाने और ई-पोर्टल पर दवाओं की बिक्री की डिटेल्स अपलोड करने के विरोध में बुलाया गया है। इसके अलावा ऑनलाइन फार्मेसी के खिलाफ आज जंतर मंतर पर भी दवा व्यापारियों का धरना प्रदर्शन होगा।

medical shop strikeकेमिस्टों का मानना है कि ये ऑनलाइन दवाओं की बिक्री और ई पोर्टल के प्रयोग, सब रिटेल कारोबार को खत्म करने की कोशिश है। विक्रेताओं का कहना है कि दवाओं की ऑनलाइन बिक्री उनके कारोबार के लिए तो खतरा है ही इसके अलावा पब्लिक हेल्थ के लिए भी यह एक गंभीर खतरा है। इसलिए केमिस्ट सरकार की ई-फार्मेसी पॉलिसी का भी विरोध कर रहे हैं। ऑनलाइन के खिलाफ व्यापारियों की दलील रही है कि जब देश में कानून ही नहीं है, तो दवाएं कैसे इंटरनेट पर बेची जा रही हैं।

रिटेलर ऐंड डिस्ट्रिब्यूटर्स ऐंड केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप नागिया का कहना है  कि “अभी तक ऑनलाइन दवा को लेकर कोई कानून नहीं आया है, लेकिन धड़ल्ले से इसका इस्तेमाल शुरू हो गया है। बार-बार मांग करने के बाद भी ऑनलाइन दवा बिक्री को रोकने के लिए सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की जा रही है और फिर रिटेलर की मार्जिन को भी तो कम कर दिया गया है।” नागिया के अनुसार सरकार ने हाल ही में  नई गाइड लाइन बनाई है, जिसके तहत अब सभी रिटेलर को अपनी दवाओं की बिक्री की डिटेल ई-पोर्टल पर डालनी होगी। उनका यह भी कहना है कि “अभी जीएसटी कंट्रोल नहीं हुआ है, ऊपर से ई-पोर्टल सिस्टम लागू कर दिया। दो-चार गोली बेचने वाले रिटेलर हर बिक्री को अपडेट कैसे कर पाएंगे, कितनों के पास तो कंप्यूटर तक नहीं है। इसलिए हमने इसके विरोध में बंद का आह्वान किया है।”

आपको बता दें कि झारखण्ड में 9000 दवा विक्रेता अपनी दुकान बंद रखेंगे। अकेले सिर्फ राजधानी रांची में ही 1200 से भी अधिक दवा दुकानें बंद रहेंगी। वैसे, इस दौरान इमर्जेंसी सर्विसेज पर कोई असर नहीं होगा। बंद का आह्वान करने वाली संस्था ने अस्पतालों के बाहर दुकानें खुली रखने का भरोसा दिया है। दिल्ली में भी एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, एलएनजेपी जैसे हॉस्पिटल के बाहर दवा दुकानें खुली रहेंगी।

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