जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने साथ ही अनुमान लगाया जा रहा है कि सुरक्षाबल आतंकियों और पत्थरबाजों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने की तैयारी में है। जम्मू कश्मीर में एक ऐसे अफसर को तैनात किया जा रहा है जिसने नक्सिलयों और खूखांर तस्करों को मौत के घाट उतारा है। घाटी में राज्यपाल शासन होने के बाद राज्यपाल एनएन वोहरा के सलाहकार के तौर पर आईपीएस विजय कुमार को नियुक्त किया गया है। कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन को मारने वाले विजय कुमार हमेशा अपनी सख्त छवि के लिए जाने जाते हैं।

इसके अलावा इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी बीवीआर सुब्रमण्यम को जम्मू-कश्मीर का चीफ सेक्रेटरी बनाया गया है। उनकी यह नियुक्ति डेपुटेशन पर हुई है। केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सुब्रमण्यम और विजय कुमार जितनी जल्दी हो जम्मू कश्मीर में ड्यूटी ज्वाइन करें। 1987 बैच के IAS सुब्रमण्यम काबिल ऑफिसर माने जाते हैं। इनके नाम कई बड़े ऑपरेशन को सफलता पूर्वक अंजाम तक पहुंचाने का दर्ज है। खासकर नक्सलियों के खिलाफ कई ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाया है।

ऐसे किया था वीरप्पन को ढेर
एक वक्त था जब कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन की साउथ इंडिया के जंगलों में तूती बोलती थी। उसका असली नाम कूज मुनिस्वामी वीरप्पन था, जो चन्दन की तस्करी के साथ हाथी दांत की तस्करी और कई पुलिस अधिकारियों की मौत का जिम्मेदार था। उसे पकड़ने के लिए सरकार ने करीब 20 करोड़ रुपये खर्च कर दिए थे। बताया जाता है कि कुख्यात तस्कर वीरप्पन तक पहुंचने के लिए तीन राज्यों की पुलिस और सेना को लंबा वक्त लगा था। लेकिन IPS विजय कुमार के नेतृत्व में ऑपरेशन कोकून चलाया गया था। विजय कुमार ने ही तारीख 18 अक्टूबर 2004 को वीरप्पन को मार गिराया था। उन्होंने बताया कि यह एक सीक्रेट ऑपरेशन था। जब वीरप्पन की गाड़ी गुज़री, तो एक सब इंस्पेक्टर जो वहां सादे कपड़ों में एक होटल के अंदर बैठा था, उसने इशारा किया। ऑपरेशन के लिए कई कोड वर्ड भी थे। जैसे फॉग लैंप का मतलब चार लोग शामिल हैं। इशारे में बताया कि वीरप्पन चार लोगों के साथ है। जब वीरप्पन की मौत का दृश्य बड़ा नाटकीय दृश्य था।

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