एक साल भ्रष्टाचार पर वार का नारा देने वाली उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार भी सवालों के घेरे में है…भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली सरकार के कामकाज पर सवाल उठ रहे हैं…क्योंकि, एक तरफ जहां प्रदेश के हजारों बेरोजगार नौकरी के लिए चक्कर काट रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के पुत्र पीयूष को नियम विरुद्ध तरीके से उपनल के जरिए जल संस्थान में सहायक अभियंता के पद पर नियुक्त किया गया है…
जबकि, ये पद सैनिकों के आश्रितों के लिए आरक्षित है…..मामला सामने आने के बाद जब प्रदेश सरकार और विधानसभाध्यक्ष पर गंभीर सवाल उठे तो पीयूष अग्रवाल ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया…हालांकि विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सफाई दी है…कि, उनके पुत्र को उसकी योग्यता के आधार पर ही नौकरी मिली थी…
विधानसभा अध्यक्ष के पुत्र को जल संस्थान के पित्थूवाला जोन में सहायक अभियंता के पद पर तैनाती दी गई थी…लेकिन इस मामले में सबसे ज्यादा सवाल विपक्ष पर खड़े हुए…विपक्ष ने इस मामले में पूरी तरह से मित्र विपक्ष की भूमिका निभाई…सवाल खड़े करने की जगह पूरे प्रकरण पर उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष का ही साथ देते नजर आए…अब मामला बेनकाब होने के बाद कांग्रेस जांच की मांग कर रही है…
—ब्यूरो रिपोर्ट एपीएन