गाजीपुर के सरकारी अस्पताल में चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां पर अंधेरे में भी इलाज होता है। यहां डॉक्टर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इस घटना ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं के कड़वा सच को एक बार फिर सामने लाया है। ऐसे अस्पतालों में आप अपने रिस्क पर इलाज करवाएं। लेकिन जिनके पास कोई उपाय नहीं हैं। वे अपनी जान को दांव लगा कर यहां इलाज कराते हैं और स्वास्थ्य विभाग आंखे मूंदे बैठा रहता है।

गाजीपुर अस्पताल की जब नई बिल्डिंग बनी तो पुराने इमारत से सभी सुविधाएं भी वहां शिफ्ट कर दी गईं। यहां तक की इंवर्टर भी। ऐसे में बिजली गुल होने से अस्पताल में अमूमन अंधेरा हो जाता है लेकिन डॉक्टर टार्च जलाकर मरीजों का इलाज करते हैं। गाजीपुर का ये अस्पताल  बुनियादी सुविधाओं के बगैर चलाया जा रहा है। यहां पर न तो बेड है और न ही वार्ड में पंखे हैं।

वहीं जब इस मामले में सीएमओ गिरीश चन्द्र मौर्या से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि पुराने अस्पताल में मरीजों के लिए 24 घंटे सेवा शुरू करा दी गई है। पुराने अस्पताल के इन्वर्टर को नए अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया है। इस से अस्पताल में बिजली गुल होने के बाद इन्वर्टर के अभाव में अंधेरा रहा होता है। जल्द ही इसकी भी वैकल्पिक व्यवस्था करा दी जाएगी। सीएमओ साहब ने तो भरोसा दिला दिया। लेकिन क्या उन्होंने ये भी कभी सोचा कि सुविधाओं के बगैर इलाज करवाने वाले मरीजों पर क्या बीतती होगी ?

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