भारतीय रिजर्व बैंक ने सौ रुपये का नया नोट जारी करने की घोषणा कर बैंकों की मुश्किलें बढ़ा दी है। बैंको को अब अपने सभी एटीएम को सौ रुपये के नये नोट के मुताबिक रिकैलिब्रेट करना होगा। यह काम कितना मुश्किल भरा है, इसका अंदाजा आप सिर्फ इस बात से लगा सकते हैं कि सभी एटीएम पर यह नोट मिलने में एक साल तक का समय लग सकता है।

बैंकिग उद्योग से जुड़े लोगों के मुताबिक सौ रुपये के नए नोटों के कारण देश के 2.4 लाख मशीनों को रीकैलिब्रेट करने पर सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। बैंकों के लिए यह एक बड़ी मुश्किल बनने जा रही है क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में 200 रुपये का नोट जारी किया है और इसके लिए भी एटीएम को रैकैलिब्रेट करना पड़ा। अभी भी 30 फीसदी  एटीएम को 200 रुपये के नोट के हिसाब से रिकैलिब्रेट करने का काम बचा हुआ है। अब सौ रुपये के नये नोट आने की घोषणा ने बैंकों का काम फिर से बढ़ा दिया है।

एटीएम सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी एफएसएस के डायरेक्टबर वी बालासुब्रमणियम ने बताया, किसी नोट के साइज में बदलाव होने से एटीएम को उस नोट के साइज के हिसाब से रीकैलिबरेट करना पड़ता है । अब सवाल यह है कि हम  एटीएम को नए और पुराने दोनों तरह के नोट के हिसाब से कैसे रीकैलिबरेट करें। एटीएम में पुराने नोट का जारी रहना और एटीएम चैनल के जरिए नए नोटों की उपलब्धनता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है।

हिताची पेमेंट सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर लोनी एंटनी के अनुसार 100 रुपए के नए नोट के हिसाब से 2.4 लाख एटीएम को रीकैलिबरेट करने में कम से कम एक साल का समय चाहिए और इस पर कम से कम 100 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। अभी 200 रुपए के नए नोट के हिसाब से सभी एटीएम रीकैलिबरेट करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।

दरअसल 100 रुपये का नया नोट आकार में पुराने 100 के नोट से छोटा और 10 के नोट से मामूली बड़ा होगा। इसका साइज 66 mm×142 mm है। रिजर्व बैंक ने कहा है पुराने 100 रुपए के नोट भी लीगल टेंडर यानी वैध रहेंगे।

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