एक तरफ जहां मोदी सरकार अपने तीन साल पूरा होने का जश्न मनाते हुए स्टार्ट अप, स्टैंड अप, MUDRA और स्किल इंडिया जैसी रोजगार देने वाली योजनाओं को सफल बता रही है, वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि हर साल रोजगार बाजार में लगभग एक करोड़ लोग प्रवेश करते हैं पर वर्तमान हालात में उसके पास नौकरी करने के पर्याप्त अवसर उपलब्ध नहीं हैं। इससे देश अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का सही लाभ नहीं उठा पा रहा है।
ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के डायमंड जुबिली समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा ‘देश में रोजगार के लिए पूर्ण प्रशिक्षण देने वाली मैनेजमेंट शिक्षा की सख्त जरूरत है। हर वर्ष एक करोड़ लोग रोजगार बाजार में आते हैं लेकिन उनके लिए पर्याप्त मात्रा में रोजगार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसके समाधान के लिए हमें स्टार्टअप पर निर्भर होने के साथ ही हमें छोटे कारोबार भी शुरू करने चाहिए।’
उन्होंने कहा भारत के पास सबसे अधिक युवा शक्ति और कार्यबल है लेकिन यह हमें सही लाभांश नहीं देगा जब तक हम अपनी युवा शक्ति और कार्यबल को उत्पादक रोजगार के रुप में तब्दील नहीं करेंगे। देश में प्रबंधकीय शिक्षा और उधोग कुशलता को बढ़ाने पर जोर देते हुए मुखर्जी ने कहा कि देश को अपने युवाओं के लिए अधिक कारोबार शुरू करने की जरूरत है और ताकि उनके लिए अधिक रोजगार अवसर पैदा हो।