भारतीय सेना की ताकत दुनियाभर में जानी जाती है। भारतीय सेना सिर्फ संख्या के बल पर ही ज्यादा नहीं है अपितु युद्ध की क्षमता भी उनकी कहीं ज्यादा है। तीनों सेनाओं में भारत की वायुसेना सबसे ज्यादा मजबूत है। ताकत में यह दुनिया में चौथे नंबर पर आती है। इसीलिए दुश्मन भी भारतीय वायुसेना से खौफ खाते हैं। इसी तरह एक बार फिर भारतीय वायुसेना ने आसमान में अपनी शक्ति को दिखाया है। दरअसल, पिछले तीन दशक में भारतीय वायुसेना के सबसे बड़े अभ्यास ‘गगन शक्ति-2018’ में पिछले तीन दिनों के अंदर करीब 1100 विमानों ने हिस्सा लिया। जिनमें करीब आधा लड़ाकू विमान थे। वायुसेनाध्यक्ष बी.एस. धनोवा ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान बेहद करीब से इस ऑपरेशन पर नज़र रख रहा था जो “आसमान को हिला रहा है और धरती को चीर रहा है।”
भारतीय वायुसेना ने महज 72 घंटों के भीतर पाकिस्तान की सीमा से सटे पश्चिमी मोर्चे पर 5000 उड़ानों और उसके बाद उत्तरी सीमा पर लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक चीन से सटी सीमा के निकट कई उड़ाने भरीं। ऐसे में वायुसेना के शक्ति प्रदर्शन से पड़ोसी देशों के माथे पर चिंता की लकीरों का उभरना लाजिमी है। हालांकि इससे युद्ध की किसी भी प्रकार की आशंका बलवती नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह भारतीय एयरफोर्स का युद्धाभ्यास है। इस ऑपरेशन गगनशक्ति के तहत भारतीय वायुसेना तीन दशकों के बाद अपना सबसे बड़ा युद्धाभ्यास कर रही है।
एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ ने कहा कि इस पूरे अभियान पर पाकिस्तान की भी नजर थी। 160 से ज्यादा सुखोई-30 जेट्स और 8 तेजस विमानों समेत इस अभ्यास में 550 एयरक्राफ्ट्स को शामिल किया गया है। बता दें कि लड़ाकू विमान तेजस वायुसेना में शामिल होने के बाद पहली बार गगन शक्ति युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहा है। सुखोई-30 एमकेआई, मिग-21, मिग-29, मिग 27, जगुआर व मिराज जैसे 600 लड़ाकू विमान शामिल हैं।