चाचा शिवपाल यादव की बगावत भले ही अखिलेश का पीछा नहीं छोड़ रही हो। लेकिन मिशन 2019 की जमीन तलाशने के लिये सपा मुखिया पहाड़ की खाक छान रहे हैं। उनका उत्तराखंड का दो दिवसीय दौरा यही ईशारा करता है। उधम सिंह नगर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत के बाद अपनी भड़ास मोदी और योगी सरकार पर निकाली। नोटबंदी और जीएसटी जैसे मुद्दो को उछालकर केंद्र सरकार को फेलियर साबित करने के लिये सभी तर्क दिये।
योगी आदित्यनाथ के उत्तराखंड के होने की बात कही
पीएम मोदी के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ को निशाने पर लिया कहा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री उत्तराखंड के हैं। ये तो उत्तर प्रदेश के विशाल हृदय का कमाल है कि उत्तराखंड के व्यक्ति को भी मुख्यमंत्री बनाया है। लेकिन उनके सांप वाले बयान, उनकी सरकार के काम सपा और बसपा की राहें आसान कर रहीं हैं।
‘निकाय चुनाव लड़ेगी सपा‘
यूपी की बड़ी पार्टी के तौर पर पहचाने जाने वाली सपा मुखिया की सियासी हसरत पहाड़ में साईकिल चलाने की है। इसी के लिये वो यह कसरत कर रहे हैं। उनकी नजरें आने वाले निकाय चुनाव पर है। जिसे उनकी पार्टी ने अपने चुनाव चिन्ह पर ही लड़ने का फैसला किया है। वहीं लोकसभा और विधानसभा चुनावों में गठबंधन की उम्मीद जताई।
पहाड़ की सियासी सड़क पर साईकिल रही है फेल
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की सियासी नैतिकता का तकाजा भी बीजेपी विरोध ही है। लोकतंत्र में होना भी चाहिये। लेकिन पांच साल सीएम रहने के दौरान अखिलेश राजनीति की हर चाल और चरित्र से वाकिफ हो चुके हैं। वो बेहतर जानते हैं कि पहाड़ से भरे उत्तराखंड में उनकी साईकिल की हवा निकलती रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की दुर्गति पहले से भी बुरी हुई और वह एक 1.01 प्रतिशत कम मत ले पाई। वहीं बसपा तो सूपड़ा ही साफ हो गया था।
एपीएन ब्यूरो