उत्तर प्रदेश में नई सरकार बनते ही प्रशासनिक विभागों में बदलाव होना तय था। सीएम योगी ने पिछले 14 साल से चले आ रहे ढ़ीले रवैये को हर विभाग से खत्म करने की ठान ली है। इसी के मद्देनजर उन्होंने सूबे की विधि व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रशासनिक विभाग से संबधित एक बड़ा फैसला लिया है।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने फेरबदल करते हुए बुधवार को 20 आईएएस अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। फेरबदल के तहत मृत्युंजय कुमार नारायण को मुख्यमंत्री का सचिव बना दिया गया है। वहीं नवनीत सहगल को सूचना एवं पर्यटन सचिव के पद से हटाकर अविनाश अवस्थी को यह विभाग सौंप दिया गया है। बाल विकास एंव पुष्टाहार विभाग का सचिव अनीता मेश्राम को जबकि आरपी सिंह को प्रमुख सचिव खनन बनाया गया है।The first administrative change in Yogiraj,20 IAS transfers

फेरबदल के चलते नोएडा विकास प्राधिकरण के प्रमुख सचिव रमा रमण को पद से हटाकर उनकी जगह आलोक सिन्हा को प्रभार सौंप दिया गया है। इससे पहले सिन्हा मेरठ के मंडलायुक्त थे। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग का सचिव राज प्रताप सिंह को बनाया गया है। वहीं भुवनेश कुमार को लखनऊ के मंडलायुक्त के पद से मुक्त कर दिया गया है लेकिन वह अभी भी व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव का पद भार संभालेंगे। मुकेश कुमार को प्राविधिक शिक्षा विभाग के पद के अतिरिक्त प्रभार से हटा दिया गया है। आमोद यादव और पंधारी यादव राजस्व परिषद के सदस्य बनाए गए हैं, जबकि अमित कुमार घोष, विजय कुमार यादव, डॉ हरिओम, अनीता सिंह, दीपक अग्रवाल, डिंपल वर्मा, रमा रमण और गुरदीप सिंह को प्रतीक्षा सूची में रखा गया है। हटाए गए अधिकारियों में से रमा रमण और नवनीत सहगल पिछली सरकार में काफी समय से इन अहम पदों पर काबिज रहे हैं, लेकिन अब योगी सरकार ने इनकी जगह अन्य अधिकारियों को नियुक्त कर दिया है।

इतना ही नहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लेते हुए गोमती रिवर फ़्रंट के असिस्टेंट इंजीनियर अनिल कुमार यादव को उनके पद से निष्कासित कर दिया है। साथ ही सीएम योगी ने गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच के आदेश देते हुए 45 दिनों में रिपोर्ट मांगी है।

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