केंद्र सरकार की उज्जवला योजना पूरे देश में फैलता जा रही है.. हर प्रदेश में इस योजना पर काम चल रहे हैं.. सरकार की ये योजना वोट बैंक में बदलती जा रही है… इसी योजना ने यूपी में प्रचंड बहुमत दिलाया था.. इसलिए सरकार इस योजना के तहत गरीबों के चूल्हे तक पहुंचना चाहती है और चूल्हे का रास्ता पेट तक पहुंचता है… इसलिए इस योजना को पूरी तरह से लागू करने में सरकार जुटी हुई है…लेकिन गैस कनेक्शन के नाम पर ऑयल कंपनिया लूट रही है…

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत झारखंड में गरीबों के बीच 28 लाख 53 हजार गरीब महिलाओं के बीच मुफ्त में एलपीजी गैस और चूल्हा देने का प्रावधान किया गया है लेकिन ऑयल कंपनियों के अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण उज्जवला योजना केवल 35 प्रतिशत यानि 11 लाख महिलाओं को ही एलपीजी गैस कनेक्शन मिल सका है… गैस कनेक्शन देने के नाम पर ग्रामीण महिलाओ से 500 से 1700 तक रुपये वसूले जा रहे हैं…

ऑयल कंपनियों के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण पैसे लेकर गैस देने की शिकायतें आ रही है। इसे केवल बीस सूत्रीय के प्रखंड अध्यक्षों की ओर से ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री रघुवर दास भी स्वीकार कर रहे हैं… वहीं ऑयल कंपनियों के अधिकारी बताते हैं कि स्थानीय अधिकारियों की करतूत बताते हुए कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है…झारखंड में एलपीजी गैस के साथ ही मुफ्त में गैस कनेक्शन के साथ पहली गैस रिफिलिंग भी झारखंड सरकार के सहयोग से निशुल्क दिया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उज्जवला योजना की शुरूआत झारखंड के दुमका से की थी। झारखंड में ही जनता को ठगा जा रहा है…अब देखना होगा कि सरकार इन बइमानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती है या नहीं… अगर भ्रष्ट अधिकारियों पर लगाना नहीं लगाया गया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने अधूरे रह जाएंगे.. उन गरीबों तक उज्जवला योजना की लाभ नहीं पहुंच पाएगा जो इसके हकदार हैं…

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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