योगी सरकार ने प्रदेश के बजट में जीएसटी कलेक्शन का जो अनुमान लगाया है..  उसे पूरा कर पाना आसान नहीं लग रहा है.. एसबीआई के इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट की तैयार रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि, बजट में सरकार ने जीएसटी कलेक्शन के अनुमानित आंकड़ें उम्मीदों पर आधारित हैं.. क्यों कि सरकार का जीएसटी कलेक्शंन लगातार घट रहा है.. एसबीआई इकोरैप ने अपनी स्टेयट सीरिज के तहत यूपी के स्टेट फाइनेंसेज पर ये रिपोर्ट तैयार की है.. रिपोर्ट में कहा गया है कि, यूपी सरकार ने 4 लाख 28 हजार 385 करोड़ रुपए का बजट पेश किया है.. इसमें से 3 लाख 48 हजार 619 करोड़ रुपए राजस्व का अनुमान है.. जो साल 2018 के मुकाबले 14 फीसदी ज्यादा है.. इसमें केंद्र और राज्य का अंश शामिल है.. अनुमान के मुताबिक, साल 2019 में यूपी का अपना टैक्स  कलेक्शन 2 लाख 56 हजार 248 करोड़ रुपए रहेगा.. जिसमें जीएसटी का 96 हजार 684 करोड़ रुपए शामिल है.. रिपोर्ट में इस बात पर अचरज जताया गया, कि.. सरकार ने साल 2018 में टैक्स से होने वाले राजस्वत में 18 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया था.. उसे साल 2019 में कम करके 14 फीसदी कर दिया गया है..  रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 के लिए अनुमानित जीएसटी कलेक्शन के मामले में उत्तुर प्रदेश सरकार काफी आशावादी है.. जबकि पिछले कुछ महीनों में जीएसटी कलेक्शन में गिरावट रही है.. और अधिकतर वस्तुओं पर जीएसटी 28 फीसदी से कम करने के कारण इसमें और कमी आई है.. ऐसे में बजट 2019 में जीएसटी कलेक्शन का आंकड़ा महत्वाकांक्षी ज्यादा लग रहा है..एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि.. य़ूपी सरकार के लिए कर्मचारियों का वेतन और पेंशन भी एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है.. बजट में 4 लाख 28 हजार 325 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान लगाया गया है.. इसमें सेलरी, पेंशन, ब्याज का भुगतान, सब्सिडी की हिस्सेदारी 75 फीसदी है.. अगर सैलरी और पेंशन की बात की जाए.. तो प्राप्त राजस्व का लगभग 75 फीसदी इन दोनों मदों पर खर्च का अनुमान लगाया गया है.. हालांकि, इन सबके बावजूद इस रिपोर्ट में.. योगी सरकार द्वारा इंफ्रा प्रोजेक्टस  के लिए किए गए प्रावधान को एक अच्छा कदम बताया गया है.. रिपोर्ट के मुताबिक, बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्स्प्रेस-वे समेत तमाम बुनियादी ढांचों पर खर्च राज्य के विकास में सहायक साबित होंगे..

एपीएन ब्यूरो

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