भारत में 24 घंटे के भीतर 1.86 लाख नए मामले सामने आए हैं वहीं 3660 लोगों की मौत हो गई। देश का सबसे बड़ा आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश कोरोना की अधिक मार झेल रहा था लेकिन समय के साथ मामले कम हो गए हैं। इस बीच इलहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार की जमकर तारीफ की गई है। कोर्ट ने कहा कि, स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर यूपी सरकार ने सराहनीय कार्य किया है। बता दे कि, कुछ समय पहले खस्ता स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर योगी सरकार को कोर्ट ने फटकार लगाई थी।

जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा एवं जस्टिस अजित कुमार की बेंच ने प्रदेश में कोरोना के इलाज के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोविड प्रबंधन के लिए प्रदेश सरकार को सराहा है। अदालत ने प्रदेश सरकार की ओर से दी गयी रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेते हुए तीरीफ की है। खबर के अनुसार यूपी के हर जिलों की स्वास्थ्य व्यवस्था पर हाईकोर्ट की पैनी नजर है। हर जिले पर सुनवाई चल रही है।

अदालत ने राज्य सरकार द्वारा बहराइच, श्रावस्ती, बिजनौर, बाराबंकी और जौनपुर जिले में उपलब्ध मेडिकल सुविधाओं के संबंध में दाखिल रिपोर्ट का संज्ञान लिया और कहा योगी सरकार की स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में उठाये गए कुछ कदम प्रशंसा के योग्य हैं। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख पर पांच और जिलों भदोही, गाजीपुर, बलिया, देवरिया और शामली की मेडिकल सुविधाओं के बारे में प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

गौरतलब है कि, राज्य में कोरोना टेस्ट को लेकर निजी अस्पताल खूब पैसा वसूल रहे थे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से सभी टेस्ट की दरें निर्धारित कर दी थीं। इस संबंध में अदालत ने सकारात्मक संज्ञान लिया कि सरकार की ओर से आरटीपीसीआर की दर 500 रूपए से 900 रूपए के बीच, एंटीजन टेस्ट 200 रुपए, ट्रूनेट टेस्ट 1200 रूपए और सीटी स्कैन 2000 रूपए से 2500 रूपए के बीच निर्धारित की गयी हैं। हाईकोर्ट ने आरटीपीसीआर, एंटीजन और सीटी स्कैन की दरें निर्धारित किये जाने की सरकार की पहल पर विशेष तौर पर संतुष्टि जाहिर की।

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