जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद से आतंकवादी हिंसा की घटनाओं में कमी आई है। हालांकि पत्थरबाजी की घटनाओं में थोड़ा इजाफा हुआ है। गृह मंत्रालय की ओर से पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 16 जून से 15 जुलाई के बीच आतंकवादियों की ओर से किए गए हमलों में कमी आई है जबकि रमजान के महीने के दौरान जब सुरक्षाबलों ने अपना अभियान स्थगित कर रखा था तो इनकी तादाद ज्यादा थी।

आंकड़ों की मानें तो , बीते एक महीने के दौरान कुल 47 आतंकी घटनाएं हुईं लेकिन इससे पहले के महीने में जब सुरक्षाबलों की तरफ से अभियान स्थगित था तब ऐसी घटनाओं की संख्या 80 थीं। इनमें से आधी घटनाएं हथगोले फेंकने या फायरिंग करने की थीं। राज्यपाल शासन के दौरान 14 आतंकवादी और पांच सुरक्षाकर्मी मारे गए जबकि इसकी तुलना में जिस अवधि में अभियान बंद थे 24 आतंकवादी और 10 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।

राज्यपाल शासन की एक महीने की अवधि के दौरान पत्थरबाजी के 95 मामले दर्ज हुए जबकि संघर्ष विराम की अवधि में इनकी संख्या 90 थी। राज्यपाल शासन के दौरान सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए अभियानों में सात नागरिकों की जान गई जबकि अभियान स्थगन के दौरान चार नागरिकों की मौत हुई थी। बता दें कि भाजपा द्वारा महबूबा मुफ्ती वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद कश्मीर में 20 जून को राज्यपाल शासन लगाया गया था।

सारांश- गृह मंत्रालय की ओर से पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, 16 जून से 15 जुलाई के बीच आतंकवादियों की ओर से किए गए हमलों में कमी आई है जबकि रमजान के महीने के दौरान जब सुरक्षाबलों ने अपना अभियान स्थगित कर रखा था तो इनकी तादाद ज्यादा थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here