पिछले दिनों जम्मू कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर सबजार भट के जनाजे के दौरान वीडियो में दिखे संगठन के एक आतंकी दानिश अहमद ने कश्मीर में अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। दानिश सुरक्षा एजेंसियों की नजरों में तब चढ़ा जब उसे वीडियों के दौरान हाथ में ग्रेनेड लिए हुए पाया गया था। जिहाद के नाम पर गुमराह होकर आतंकवाद की राह पर चले नौजवानों को मुख्यधारा से जोड़ने और दानिश के समर्पण को सेना के लिए एक बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है।

हंदवाड़ा के कुलग्राम निवासी फारूक अहमद के बेटे दानिश को उसके परिजनों व मित्रों ने अपने अपने माध्यमों द्वारा संपर्क साध सरकार और सेना के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार किया। परिजनों ने दानिश को समझाया की आतंक की राह पर चलने से उसे कुछ हासिल नहीं होने वाला अगर वह समर्पण करता है तो उसके साथ कानून के तहत निष्पक्षता से बर्ताव किया जाएगा। जिसके बाद दानिश ने अपने परिजनों की मौजूदगी में मंगलवार को हंडवाडा में कश्मीरी पुलिस और सेना के 21 राष्ट्रीय राइफल्स के समक्ष हथियार डाल दिया। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक दानिश स्वयं सेना के समक्ष हथियार डालने और आत्मसमर्पण करने पर विचार कर रहा था।

जिहादियों पर दानिश का निशाना

एक वरिष्ठ कश्मीरी पुलिस प्रवक्ता ने मिडिया से रू-ब-रू हो दानिश के बारे में कहा,’दक्षिण कश्मीर में जिहादियों के साथ कुछ दिन रहने के बाद दानिश को अपने मकसद के निरर्थकता का अहसास होने लगा जिसके बाद उसने जिहाद के नाम पर हिज्बुल से जुड़ना फिजूल बताया।‘ पूछताछ के दौरान अपने कबूलनामें में दानिश ने बताया कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से जिहादियों के संपर्क में आया और धीरे धीरे वह उनके चंगुल में फंसता चला गया। कबूलनामें के अनुसार हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर ने उसे उत्तर कश्मीर में आतंक और दहशत पैदा करने के साथ-साथ कश्मीरी युवकों को अपने साथ जोड़ने का काम सौंपा था। प्रवक्ता ने बताया कि दानिश के खिलाफ कानून के विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है लेकिन जिहाद के नाम से भटके व सरकार के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले जिहादियों को पुर्नवास से संबधित नीति के तहत विचार किया जा रहा है।

हंदवाड़ा के हिंसक पत्थरबाजी में शामिल था दानिश

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पिछले साल हंदवाड़ा में हुए हिंसक पत्थरबाजी के दौरान सुरक्षाबलों ने दानिश को गिरफ्तार किया था लेकिन उसके उज्जव भविष्य को ध्यान में रख सुरक्षाबलों ने उसे कांउसलिंग के बाद छोड़ दिया था। खबर के मुताबिक दानिश दून पीजी कालेज ऑफ अग्रीकल्चर साईंस एंड टेक्नोलॉजी  देहरादून में बीएससी तृतीय वर्ष का छात्र है।

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