प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी को संचार का सबसे सशक्त माध्यम बताते हुए कहा है कि इसका एहसास उन्हें दो दशक पहले उस समय हुआ जब वह हिमाचल प्रदेश के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे थे। मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर ‘मन की बात के 50वें ’कार्यक्रम में कहा कि रेडिया कितना ताकतवर है और इसकी पहुंच समाज के किस कोने तक है इसका एहसास उन्हें वर्ष 1998 में हुआ जब वह हिमाचल प्रदेश के सुदूरवर्ती इलाके में भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में काम रहे थे। उन्होंने कहा “मैं आपको एक किस्सा सुनाना चाहता हूँ। ये 1998 की बात है, मैं भाजपा के संगठन के कार्यकर्ता के रूप में हिमाचल में काम करता था। मई का महीना था और मैं शाम के समय यात्रा  करता हुआ किसी और स्थान पर जा रहा था। हिमाचल की पहाड़ियों में शाम को ठंड तो हो ही जाती है, तो रास्ते में एक ढाबे पर चाय के लिये रुका और  मैंने चाय के लिए आर्डर किया। वह बहुत छोटा-सा ढाबा था,एक ही व्यक्ति चाय बना रहा था और बेच भी था। दुकान के ऊपर कपड़ा भी नहीं था ऐसे ही सड़क के किनारे पर छोटा-सा ठेला लगा के खड़ा था।”

मोदी ने कहा कि चाय के लिए बोलने ही उस व्यक्ति ने अपने पास रखे शीशे के बर्तन से लड्डू निकाला और कहने लगा “साहब, चाय बाद में, लड्डू खाइए। मुँह मीठा कीजिये। मैं भी हैरान हो गया और उससे  पूछा कि क्या बात है ? घर में कोई शादी-वादी का कोई प्रसंग-वसंग है क्या! उसने कहा नहीं-नहीं भाई साहब, आपको मालूम नहीं क्या? अरे बहुत बड़ी खुशी की बात है।  वह ऐसा उछल रहा था, ऐसा उमंग से भरा हुआ था, तो मैंने कहा क्या हुआ! उसने कहा कि अरे, आज भारत ने बम फोड़ दिया है। मैंने कहा कि भारत ने बम फोड़ दिया है! मैं कुछ समझा नहीं! तो उसने कहा- देखिये साहब, रेडियो सुनिये। रेडियो पर उसी की चर्चा चल रही थी। वह परमाणु परीक्षण का दिन था और उस समय हमारे प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मीडिया के सामने आकर  घोषणा की थी। इसने यह घोषणा रेडियो पर सुनी थी और नाच रहा था और मुझे बड़ा ही आश्चर्य हुआ कि इस जंगल के सुनसान इलाके में, बर्फीली पहाड़ियों के बीच, एक सामान्य इंसान जो चाय का ठेला लगाकर अपना काम कर रहा है और दिन-भर रेडियो सुनता रहता होगा और उस रेडियो की ख़बर का उसके मन पर इतना असर था, इतना प्रभाव था और तब से मेरे मन में एक बात घर कर गयी थी कि रेडियो जन-जन से जुड़ा हुआ है और रेडियो की बहुत बड़ी ताकत है। संचार की पहुंच और उसकी गहराई, शायद रेडियो की बराबरी कोई नहीं कर सकता ये उस समय से मेरे मन में भरा पड़ा है और उसकी ताकत का मैं अंदाज करता था।”

खुला वातावरण देने पर सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं युवा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किशोरों के साथ परिवार के संवाद का दायरा सीमित होने पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि यदि युवाओं को अभिव्यक्ति का खुला वातावरण दिया जाये तो वे देश में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। पीएम मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर मन की बात के 50वें अंक में कहा “अधिकतर परिवारों में किशोरों से बातचीत का दायरा बड़ा सीमित होता है। अधिकतर समय पढ़ाई की बातें या फिर आदतों और फिर जीवनशैली को लेकर ‘ऐसा करो–ऐसा मत करो’ ही होता है। बिना किसी अपेक्षा के खुले मन से बातें, धीरे-धीरे परिवार में भी बहुत कम होती जा रही है और यह चिंता का विषय है। अगर हम युवाओं के विचारों को धरातल पर उतार दें और उन्हें अभिव्यक्त के लिए खुला वातावरण दें तो वे देश में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।”

उन्होंने कहा कि यदि हम आसपास नजर दौड़ाएं तो चाहे सामाजिक उद्यमिता, स्टार्टअप , खेल या फिर अन्य क्षेत्र हो, समाज में बड़ा बदलाव लाने वाले युवा ही हैं – वे युवा, जिन्होंने सवाल पूछने और बड़े सपने देखने का साहस दिखाया। प्रधानमंत्री ने युवाओं के बड़े सपने देखने और एक साथ कई चीजें करने की प्रवृत्ति का समर्थन करते हुये कहा कि आज के युवा बहुत महत्त्वाकांक्षी हैं और बहुत बड़ी-बड़ी चीजें सोचते हैं। अच्छा है कि वे बड़े सपने देखें और बड़ी सफलताओं को हासिल करें-आखिर यही तो ‘न्यू इंडिया’ है। उन्होंने कहा “कुछ लोग कहते हैं कि युवा पीढ़ी एक ही समय में कई चीजें करना चाहती है। मैं कहता हूं- इसमें बुराई क्या है? वे ‘मल्टीटास्किंग’ में पारंगत हैं, इसलिए ऐसा करते हैं।”

भारत का मूलप्राण राजनीति नहीं, समाजनीति है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीति की बजाय समाजनीति को देश का मूल-प्राण बताते हुये आज कहा कि राजनीति का ‘सबकुछ हो जाना’ समाज के लिए अच्छा नहीं है। मोदी ने कहा, “भारत का मूल-प्राण राजनीति नहीं है। भारत का मूल-प्राण राजशक्ति भी नहीं है। भारत का मूल-प्राण समाजनीति है और समाज-शक्ति है। समाज जीवन के हजारों पहलू होते हैं उनमें से एक पहलू राजनीति भी है।” उन्होंने कहा कि राजनीति सबकुछ हो जाए, यह स्वस्थ समाज के लिए एक अच्छी व्यवस्था नहीं है। कभी-कभी राजनीतिक घटनाएं और राजनीतिक लोग, इतने हावी हो जाते हैं कि समाज की अन्य प्रतिभाएँ और अन्य पुरुषार्थ दब जाते हैं। भारत जैसे देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए जन-सामान्य की प्रतिभाएं, पुरुषार्थ को उचित स्थान मिले, यह हम सबका एक सामूहिक दायित्व है।

कर्तव्यों का पालन करें, स्वयं होगी अधिकारों की रक्षा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों से संवैधानिक मूल्यों को आगे बढ़ाने की अपील करते हुये रविवार को कहा कि यदि हम संविधान में दिये गये कर्तव्यों का पालन करें तो अधिकारों की रक्षा अपने-आप हो जायेगी। “हमारे संविधान में खास बात यही है कि अधिकार और कर्तव्य के बारे में इसमें विस्तार से वर्णन किया गया है। नागरिक के जीवन में इन्हीं दोनों का तालमेल देश को आगे ले जायेगा। यदि हम दूसरों के अधिकार का सम्मान करेंगे तो हमारे अधिकारों की रक्षा अपने आप हो जायेगी। यदि हम संविधान में दिये अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे तो हमारे अधिकारों की रक्षा अपने-आप हो जायेगी।” मोदी ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर को याद करते हुये कहा कि 06 दिसम्बर को उनका महा-परिनिर्वाण दिवस है और वह सभी देशवासियों की ओर से बाबा साहब को नमन करते हैं।  लोकतंत्र बाबा साहब के स्वभाव में रचा-बसा था। वह कहते थे ,“हम भारतीय भले ही अलग-अलग पृष्ठभूमि के हों, लेकिन हमें देशहित को सभी चीज़ों से ऊपर रखना होगा।”

मन की बातमें गुरुनानक देव जी को किया याद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में सिखों के पहले गुरु गुरुनानक देव की को याद करते हुये आज कहा कि उन्होंने समाज को सत्य, सेवा और सौहार्द्र का मार्ग दिखाया। मोदी ने कहा, आकाशवाणी से हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम में कहा “दो दिन पहले 23 नवम्बर को हम सबने गुरुनानक देव जी की जयंती मनाई है और अगले वर्ष हम उनका 550वां प्रकाश-पर्व मनाने जा रहे हैं। गुरुनानक देव जी ने सदा ही पूरी मानवता के कल्याण के लिए सोचा। उन्होंने समाज को हमेशा सत्य, कर्म, सेवा, करुणा और सौहार्द का मार्ग दिखाया।” प्रधानमंत्री ने कहा “देश अगले वर्ष गुरुनानक देव जी की 550वीं जयंती समारोह को भव्य रूप से मनायेगा। इसका रंग देश ही नहीं, दुनिया-भर में बिखरेगा। सभी राज्य सरकारों और केन्द्रीय शासित प्रदेशों से भी इस अवसर को धूमधाम से मनाने का अनुरोध किया गया है। इसी प्रकार गुरुनानक देव जी का 550वाँ प्रकाश पर्व विश्व के सभी देशों में भी मनाया जाएगा। उनसे जुड़े पवित्र स्थलों के मार्ग पर एक ट्रेन भी चलाई जायेगी।”  उन्होंने कहा “सरकार ने करतारपुर गलियारा बनाने का निर्णय किया है ताकि हमारे देश के यात्री आसानी से पाकिस्तान स्थित करतारपुर में गुरुनानक देव जी के उस पवित्र स्थल तक दर्शन के लिए जा सकें।”

मन की बातहमेशा गैरराजनीतिक रहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि ‘मन की बात’ के माध्यम से देश के हर नागरिक से संवाद करने का प्रयास कर उन्होंने इसे गैर-राजनीतिक बनाये रखा है और इसके जरिये समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ाने का काम किया है। “हर महीने लाखों की संख्या में पत्रों को पढ़ते, फोन कॉल्स सुनते, ऐप और माईगोव पर टिप्पणियाँ देखते और इन सबको एक सूत्र में पिरोकर, हल्की-फुल्की बातें करते-करते 50 संस्करणों का एक सफ़र, यह यात्रा हम सब ने मिलकर पूरी कर ली है।” उन्होंने कहा कि आकाशवाणी पर अपने इस कार्यक्रम को कभी राजनीति या सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया। कार्यक्रम को लेकर हुये एक अध्ययन से भी स्पष्ट हुआ है कि इसमें राजनीति का समावेश नहीं किया गया और न ही उनकी सरकार ने इसे अपने कार्यों के गुणगान करने का मंच बनाया।

                                         -साभार, ईएनसी टाईम्स

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