भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज बब्बर द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वयोवृद्ध मां हीराबेन पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने की आज कड़ी निंदा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मांग की कि वह बब्बर के विरुद्ध कार्रवाई करें। भाजपा के प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा और जी वी एल नरसिंह राव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “बब्बर ने प्रधानमंत्री की माता जी के संबंध में अपमानजनक टिप्पणी की है। इसके पहले बब्बर विमुद्रीकरण के समय भी श्री मोदी की मां के विरुद्ध टिप्पणी कर चुके हैं। इसलिए गांधी को उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें।” उन्होंने बब्बर द्वारा भाजपा पर राम का कटोरा लेकर वोट मांगने संबंधी बयान को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस के नेता भगवान राम का अपमान करते हैं और नक्सलियों का गुणगान करते हैं।
Addressing a Press Conference today at Media Center in Bhopal along with @BJP4India National Spokeperson Sh @GVLNRAO Ji! pic.twitter.com/XBwzrZCmwf
— Sambit Patra (@sambitswaraj) November 23, 2018
उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव हार रही है और हर बार चुनाव हारता देख कर कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री पर अपशब्दों के साथ निजी प्रहार करने लगते हैं। कांग्रेस के नेताओं ने उनके लिए नीच, बिच्छू चप्पल आदि बहुत ही आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया है। डॉ. पात्रा ने कांग्रेस के नेता सी पी जोशी और पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बयानों की निंदा की और गांधी से उन्हें पार्टी से तुरंत बर्खास्त करने की मांग की। श्री जोशी द्वारा केन्द्रीय मंत्री उमा भारती के विरुद्ध की गयी जातिवादी टिप्पणी किये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने चुनावों के पहले समाज को धर्म एवं जाति के आधार पर बांटने का काम किया है। कर्नाटक में भी लिंगायत को हिन्दुओं से अलग करने की चाल चली थी। बाद में वे अफसोस कर रहे हैं।
सिद्धू द्वारा गुरु नानक देव के प्रकाशोत्सव के लिए पाकिस्तान की तारीफ किये जाने पर तंज कसते हुए प्रवक्ता ने कहा कि वह सुबह उठकर नियम से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख कमर बाजवा का नाम जपते हैं। वह कहते हैं कि उन्हें दो दिन में पाकिस्तान में इतना प्यार मिला जितना भारत में पूरे जीवन में नहीं मिला। डॉ. पात्रा ने कहा कि सिद्धू को पंजाब सरकार एवं कांग्रेस से तत्काल मुक्त करना चाहिए ताकि वह चाहें तो पाकिस्तान में इमरान खान सरकार में शामिल हो जाएं।
-साभार, ईएनसी टाईम्स