दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह प्रतिमा प्रशासनिक खंड के दाहिनी ओर पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा के सामने लगाई जाएगी।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक कार्यकारी परिषद् ने पिछले वर्ष जुलाई में इसके लिए मंजूरी दी थी जिसके बाद एक समिति बनाई गई थी। इस खबर के बाद विश्वविद्यालय में राजनीति शुरू हो गई है।

जेएनयू के छात्र संघ और शिक्षक संघ ने पूछा है कि प्रतिमा निर्माण के लिए धन का स्रोत क्या है। उन्होंने कहा कि एक तरफ विश्वविद्यालय के पास पुस्तकालय और छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए धन नहीं है और दूसरी तरफ वह प्रतिमाएं बनाने में व्यस्त है।

विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्र संघ के आरोप पर कहा कि फंड में कोई कटौती नहीं की गई है। पहले विश्वविद्यालय को लाइब्रेरी के लिए मिलने वाली राशि की अधिकता थी जो कि अब नहीं है, इसलिए यह किया गया है।

बता दें जेएनयू किसी न किसी वजह से लगातार विवादों में रहता है। पिछले साल जेएनयू के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने सरकार से यूनिवर्सिटी कैंपस में एक टैंक खड़ा करने की मांग की थी। कुमार के मुताबिक यह टैंक जेएनयू स्टूडेंट्स में सेना के प्रति प्रेम की भावना जगाएगा।

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