विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आसियान के मंच पर इंडिया प्रवासी भारतीय दिवस पर एक वाक्या साझा करते हुए कहा कि 2015 में सऊदी के शाह को पीएम मोदी का एक सीधा फोन कॉल निर्णायक साबित हुआ था। पीएम मोदी की एक कॉल से युद्ध प्रभावित यमन में फंसे भारतीयों और विदेशियों को वहां से निकालने में मदद मिली थी।
सुषमा ने आगे कहा, कि यमनी स्थलों पर सऊदी बमबारी से भारतीयों को वहां से निकालना असंभव सा हो गया था। ऐसे में मैं प्रधानमंत्री के पास गई। उन्हें सुझाव दिया कि सऊदी के शाह के साथ उनका बेहतर संबंध काम आ सकता है। तब पीएम मोदी ने रियाद में शाह को सीधे कॉल कर एक हफ्ते के लिए बमबमारी रोकने का अनुरोध किया। सऊदी शाह एक हफ्ते तक सुबह नौ बजे से 11 बजे तक बमबारी रोकने पर राजी हो गए। इस समन्वय से 4,800 भारतीयों और 972 विदेशियों को सुरक्षित निकालना संभव हुआ। इसके साथ ही उन्होंने यमन सरकार से अपील की, कि फंसे भारतीयों को सुरक्षित तरीके से निकालकर अदेन बंदरगाह व सना हवाई अड्डे तक पहुंचा दिया जाए।
साल 2015 में सऊदी अरब और उसके सहयोगियों के सैन्य दखल के दौरान यमन से 4000 से अधिक भारतीयों एवं विदेशियों को निकालने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन राहत’ शुरू किया था। अदन बंदरगाह से 1 अप्रैल, 2015 को समुद्र से इन लोगों को निकालने का काम चला था जो 11 दिनों तक चला था।
वहीं सुषमा स्वराज ने सिंगापुर के अपने समकक्ष विवियन बालकृष्णन से मुलाकात के दौरान सामरिक साझेदारी के साथ व्यापारिक रिश्तों पर भी बात की।
आसियान में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, द फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड व वियतनाम शामिल हैं। भारत का इस ग्रुप से 10.2 फीसदी कारोबार होता है।