सुप्रीम कोर्ट आज राफेल डील की कोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग करने वाली चार याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा। कोर्ट यह भी तय करेगा कि राफेल डील में नियमों के मुताबिक प्रक्रिया अपनाई गई या नहीं।

बता दें 14 नवंबर को तीन जजों की पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा लिया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसफ की पीठ आज राफेल सौदे पर अपना फैसला सुनाएगी।

पीठ अगर अदालत की निगरानी में इस सौदे की जांच कराने का आदेश देती है तो मोदी सरकार के लिए बड़ा झटका होगा। आरोप लगाया गया था कि यह सौदा एक कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया और सौदे में तय प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया।

अब देखने वाली बात होगी कि सुप्रीम कोर्ट का रुख क्या होगा। अगर सुप्रीम कोर्ट ने इस तरह का कोई आदेश पारित किया तो आगामी लोकसभा चुनाव मोदी सरकार के लिए भारी पड़ सकता है।

वहीं अगर सुप्रीम कोर्ट याचिकाओं को खारिज करती है तो एनडीए सरकार के लिए बेहद राहत की बात होगी।

गौरतलब है कि भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल जेट विमानों की खरीद का 58,000 करोड़ रुपये में समझौता किया है। भारतीय एयर फोर्स के अपग्रेडेशन के प्लान के तहत यह डील की है। इन जेट्स को फ्रांस की दसॉ कंपनी ने तैयार किया है।

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