कांवडियों के उत्पात को सुप्रीम कोर्ट ने बेहद गंभीरता से लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस से उत्पात करने वाले कांवडियों पर सख्ती से कार्रवाई करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने  कांवड़ियों के तांडव पर सख्त लहजे में कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना गंभीर बात है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि इलाहाबाद में नेशनल हाईवे के एक हिस्से को कावंडियों ने बंद कर दिया। जस्टिस चंद्रचूड़ ने उत्पात करने वाले कांवड़ियों से कहा कि आप अपने घर को जलाकर हीरो बन सकते हैं लेकिन किसी तीसरे  की संपत्ति को नहीं जला सकते।

कोर्ट ने आगे कहा कि हम कानून में बदलाव का इंतजार नहीं करेंगे,हम इस पर कार्रवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को निर्देशि दिया कि उन सभी कांवड़ियों के खिलाफ कार्रवाई करें जिन्होंने कानून को अपने हाथों में लिया।

कोर्ट ने कहा कि देश हर हफ्ते पढ़े-लिखे लोगों द्वारा दंगे देख रहा है। हमने वीडियो में कांवडियों को कार को पलटते हुए देखा, क्या कारवाई हुई? इतना ही नहीं पदमावत फिल्म को लेकर हंगामा किया गया, फिल्म की हीरोइन की नाक काटने की धमकी दे दी गई, मराठा आरक्षण और SC/ST एक्ट को लेकर हिंसा हुई, क्या इन सबमें कार्रवाई हुई? हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में यह मामला कोडूंगलौर फिल्म सोसाइटी की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान उठा। याचिका में कहा गया है कि जिस तरह से फिल्मों को लोगों व संगठनों द्वारा बैन करने के नाम पर व अन्य धरना प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति से तोड़फोड़ की जाती है उसे रोकने के लिए गाइडलाइन जारी की जानी चाहिए। फिलहाल इस पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया ।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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