हमेशा अपनी हरकतों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले स्वामी ओम एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने स्वामी ओम और उनके निकट सहयोगी मुकेश जैन पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। दरअसल स्वामी ओम ने अगले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की नियुक्ति को चुनौती देने के लिए एक याचिका दाखिल की थी।

दीपक मिश्रा के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में घोषणा होने के बाद स्वामी ओम लगातार उसका विरोध कर रहे थे। उनका कहना था दीपक मिश्रा को अगला मुख्य न्यायधीश बनाना एक गलत फैसला है। उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर कर पूछा था कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों के नियुक्ति के समय मुख्य न्यायाधीश की राय क्यों ली जाती है? इस नियुक्ति का विरोध करने के लिए वे सुप्रीम कोर्ट में पिछले कुछ दिनों से धरना भी दे रहे थे।

आज कोर्ट ने इस याचिका को सिरे से खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्वामी ओम की न सिर्फ याचिका खारिज की गई बल्कि इसे ओछी हरकत मानते हुए उनपर 10 लाख का आर्थिक जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने बाबा के सहयोगी मुकेश जैन पर भी 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने कहा कि स्वामी ओम और मुकेश जैन को 10-10 लाख रुपये एक महीने के भीतर प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करने होंगे।

कोर्ट ने कहा एक महीने के बाद फिर इस मामले की सुनवाई होगी। जुर्माना लगने के बाद स्वामी ओम ने कोर्ट से पूछा कि मेरे पास तो 10 रुपये भी नहीं है, मैं कैसे इतना बड़ा रकम जमा करूंगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि आप तो 34 करोड़ अनुयायीयों का दावा करते हो, वे अगर 1-1 रुपया भी देंगे तो भी आप जुर्माना आसानी से भर देंगे।

स्वामी ओम की हुई थी पिटाई

22 अगस्त को जब स्वामी ओम सुप्रीम कोर्ट परिसर में दीपक मिश्रा की नियुक्ति का विरोध कर रहे थे तभी कोर्ट ने तीन तलाक पर भी फैसला दिया। इसके बाद वे इस फैसले का भी विरोध करने लगे। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद पुरुषों की आजादी खतरें में पड़ जाएगी और महिलाओं को और भी आजादी मिल जाएंगी। वे और उनके सहयोगी मुकेश जैन इसे धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप भी बता रहे थे। इसी दौरान वहां आस-पास खड़े लोगों को स्वामी ओम के बयानों पर गुस्सा आ गया और उन्होंने दोनों की जमकर पिटाई कर दी। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान स्वामी ओम और उनके साथी को ढोंगी, पाखंडी और अनेक अपशब्द भी कहे गए।

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