अंतरिक्ष क्षेत्र में छात्रों की रुचि पैदा करने और देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम में उन्हें शामिल करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने छात्रों के लिए अपने दरवाजे खोलने के साथ ही देश भर में 12 अनुसंधान एवं इन्क्यूबेशन केंद्र खोलने की घोषणा की है।

इसरो के अध्यक्ष के. शिवन ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि सभी 36 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से तीन-तीन छात्रों का चयन कर उन्हें एक महीने के लिए एजेंसी की प्रयोगशालाओं में काम करने का मौका दिया जायेगा। उनके आने-जाने, ठहरने, खाने का सारा खर्च इसरो वहन करेगा।

उन्होंने बताया कि इन छात्रों को वहां उपग्रह बनाने का मौका मिलेगा और यदि उपग्रह अच्छे हुये तो इसरो उन्हें अंतरिक्ष में भी भेजेगा। यह अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक कार्यक्रम जैसा ही होगा। इसके लिए राज्य सरकारों से बात चल रही है।

इसरो प्रमुख ने बताया कि देश के छह हिस्सों उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम, पूर्वोत्तर और मध्य में एक-एक इन्क्यूबेशन केंद्र तथा एक-एक अनुसंधान केंद्र खोलने की भी योजना है। इससे इसरो का विस्तार पूरे देश में हो सकेगा। उन्होंने बताया कि एनआईटी त्रिपुरा और एनआईटी जालंधर में इन्क्यूबेशन केंद्र खोले जा चुके हैं। अन्य इन्क्यूबेशन केंद्र तिरुचि, नागपुर, इंदौर और राउरकेला में शुरू किये जायेंगे। छह इसरो अनुसंधान केंद्र जयपुर, गुवाहाटी, पटना, कन्याकुमारी, आईआईटी वाराणसी और एनआईटी कुरुक्षेत्र में खोलने की योजना है।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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