पिछले दिनों पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की किताब आई थी जिसमें कुछ ऐसी बातें सामने आई कि काग्रेस पार्टी में ही हलचल मच गई थी। अब राजनीतिज्ञ जया जटेली ने अपनी आत्मकथा में इस बात का खुलासा किया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तहलका के 2001 में डिफेन्स डील में भ्रष्टाचार को लेकर किए गए स्टिंग ऑपरेशन के बाद उसे बचाने की कोशिश की थी।
जया जेटली की आत्मकथा “लाइफ इन द स्कॉर्पियंस: मेमोइर्स ऑफ ए वुमन इन इंडियन पॉलिटिक्स” में ऐसी बहुत सी बातें हैं जिससे सियासी गलियारे में शोर मच गया है। इस किताब में तहलका केस में बड़ा खुलासा करते हुए लिखा गया है कि यौन शोषण के आरोपी तरुण तेजपाल को राहत देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उस समय वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम को पत्र लिखा था।
खबरों की माने तो साल 2004 में चिदंबरम को सोनिया गांधी ने पत्र लिखकर तहलका न्यूज पोर्टल के फाइनैंशियल प्राइवेट फर्म फर्स्ट ग्लोबल के खिलाफ जांच को रुकवाने के निर्देश दिए थे। इस पत्र के 6 दिनों के बाद फर्स्ट ग्लोबल पर चल रही जांच को हटा लिया गया था।
किताब में दावा किया गया है कि तहलका पत्रिका ने अटल बिहारी वाजपेयी नीत राजग सरकार के दौरान रक्षा सौदों में कथित भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ किया था। इसके चलते तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस को त्यागपत्र देना पड़ा था। पत्रिका ने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को कैमरे के सामने रुपये लेते हुए पकड़ा था। इस भंडाफोड़ के बाद फर्स्ट ग्लोबल के प्रमोटरों देविना मेहरा और शंकर शर्मा के खिलाफ विभिन्न जांच एजेंसियों ने कई मामले दर्ज किए थे।
वहीं इस मामले के खुलासे के बाद चिदंबरम ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मैंने इस पत्र पर ज्यादा ध्यान दिया था जो कि बिलकुल सही था, क्योंकि यह मेरे मंत्रालय के कार्य का हिस्सा रहा होगा तभी मैंने पत्र का जवाब दिया होगा। चिदंबरम ने यह तक कहा कि अगर हो सके तो मीडिया उनके पत्र को भी उजागर करे ताकि लोगों को सच पता चल सके। चिदंबरम का कहना है कि सोनिया और उनका लैटर दोनों साथ में ही पढ़े जाने चाहिए।
गौरतलब है कि जया जेटली समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। जया का आरोप है कि तहलका के ऑपरेशन ‘वेस्ट इंड’ के पीछे कांग्रेस का हाथ था। इसके चलते बाद में रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडिस को त्यागपत्र देना पड़ा था। उनकी यह किताब आज बजार में आ चुकी है।