Asaram के बेटे नारायण साई को अदालत से झटका लगा है। बलात्कार की सजा काट रहे नारायण साईं को सुप्रीम कोर्ट फरलो देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने नारायण साई को दिए गए गुजरात हाई कोर्ट के फरलो (furlough) को रद्द कर दिया है। गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) के फैसले के खिलाफ गुजरात सरकार की याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि साई को ‘फरलो’ नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वह जेल के भीतर आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है। साई ने इस आधार पर ‘फरलो’ मांगी है कि उसे पूर्व में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए अपने पिता आसाराम की देखरेख करनी है।
आसाराम को भी मिली है आजीवन कारावास की सजा
आसाराम को नाबालिग से बलात्कार मामले में ताउम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। आसाराम एक नाबालिग लड़की से रेप के आरोप में क़रीब 5 साल से ज़्यादा वक़्त से जेल में बंद है। जोधपुर कोर्ट ने इस मामले में अपना फ़ैसला सुनाया था, इस मामले में आसाराम के साथ दो और लोग शिल्पी और शरतचंद्र को दोषी करार दिया गया था। इस मामले में कुल पांच लोग आरोपी थें, जिनमें दो लोगों को बरी कर दिया गया था।
2013 से ही जेल में है आसाराम
दुष्कर्म के मामले में दोषी पाया गया था और उसके बाद से आसाराम बापू आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। 2013 से ही आसाराम जोधपुर की सेंट्रल जेल में सजा काट रहा है और कई बार बीमारी के बहाने उसने कोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका पेश किया था। लेकिन आज तक ट्रायल कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट ने आसाराम बापू की सभी कोशिशें नाकाम रही हैं।
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