टिक टॉक सहित 59 चाइनीज मोबाइल एप्लीकेशन पर बैन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चीन पर किया गया डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक करार दिया है
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मशहूर मनोरंजक ऐप टिक टॉक सहित 59 चाइनीज मोबाइल एप्लीकेशन पर बैन लगाने के केंद्र सरकार के फैसले को चीन पर किया गया डिजिटल सर्जिकल स्ट्राइक करार दिया है #TiktokBannedInIndia #59ChineseAppsBanned pic.twitter.com/D75sHtHs6E
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) July 2, 2020
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश में चीनी ऐप्स पर बैन लगाया गया है लेकिन इससे देश की जनता के डेटा को कोई खतरा नहीं है, इसकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है, जो चीन के खिलाफ एक तरह से डिजिटल स्ट्राइक थी। केंद्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ‘भारत शांति का हिमायती है लेकिन अगर कोई हम पर बुरी नजर डालता है तो हम उसे कठोर जवाब भी देंगे।’ हम शांति और बातचीत करके समस्या सुलझाने में विश्वास रखते हैं लेकिन किसी की नजर होगी तो हम उसका सही जवाब भी देंगे। अगर हमारे 20 जवानों ने अपनी जान दी है तो चीन को इसका दोगुना हिसाब चुकाना पड़ेगा । आपने देखा होगा कि उन्होंने अपनी तरफ से कोई आंकड़े जारी नहीं किए हैं।’
अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने नरेंद्र मोदी सरकार की 6 सालों के उपलब्धियों का जिक्र किया और कहा कि पिछले एक साल में केंद्र सरकार ने कई ऐतिहासिक काम किए हैं जिसमें तीन तलाक पर बैन, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करना, राम मंदिर निर्माण से लेकर पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक समेत कई अन्य उपलब्धियां शामिल हैं।
शिवसेना ने भारत सरकार ने भी 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाए जाने को ‘डिजिटल स्ट्राइक करार दिया है, साथ ही यह सवाल भी किया कि अगर ये ऐप देश की सुरक्षा के लिए खतरा थे, तो इतने वर्षों तक देश में संचालित होने की इन्हें अनुमति कैसे मिली। मराठी भाषा में प्रकाशित होने वाले शिवसेना के मुखपत्र में कहा गया है, ‘‘चीनी ऐप को प्रतिबंधित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के हितों की रक्षा की और उनके साहस की प्रशंसा करनी होगी। शिवसेना ने कहा अगर ये ऐप देश की सुरक्षा के लिए खतरा थे, तो फिर कैसे बगैर किसी बाधा के पिछले कई वर्षों से ये संचालित होते रहे। शिवसेना ने कहा कि 20 सैनिकों के बलिदान के बाद जाकर सरकार को यह एहसास हुआ कि भारत के डेटा को गैरकानूनी तरीके से देश के बाहर ले जाया जा रहा है। शिवसेना ने कहा सरकार ने ‘डिजिटल स्ट्राइक’ से बदला लिया।