बिहार की राजनीति में हुए घमासान के बाद कई नेताओँ में आपसी मतभेद जारी है। इन में सबसे बड़ा मतभेद नीतीश कुमार और शरद यादव के बीच माना जा रहा है। कई दिनों से चुप शरद यादव ने रविवार को एक ट्वीट द्वारा कुछ संकेत दिए हैं। ट्वीट में उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि ‘न ही विदेशों में जमा कालाधन भारत लाया गया है, जो कि सत्ता में बैठी पार्टी का मुख्य नारा था और न ही पनामा पेपर्स मामले में किसी को पकड़ा गया।’
Neither black money slashed abroad returned, one of d main slogans of d ruling party nor anyone caught out of those named in Panama papers.
— SHARAD YADAV (@SharadYadavMP) July 30, 2017
उधर लालू प्रसाद यादव किसी भी हालत में किसी भी तरह का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते इस कारण उन्होंने शरद यादव और जीतन राम मांझी को राजद में आने का न्यौता दिया है।
बिहार की सियासत में नीतीश का बीजेपी के साथ गठबंधन करना उनके ही पार्टी के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं को नागवार गुजरा है। वरिष्ठ नेता शरद यादव भी अचरज में है कि वो करे तो क्या करें। हालांकि शरद यादव ने ट्वीट के जरिए संकेत दिए हैं कि वो इस गठबंधन से बिल्कुल भी खुश नहीं है और वह बीजेपी के कामों से खुश नहीं हैं। उधर लालू प्रसाद यादव भी मौके को भुनाते हुए बीजेपी के विरोध में होने वाली 27 अगस्त की रैली में शरद यादव के साथ-साथ जीतन राम मांझी को भी शामिल होने का न्यौता दिया है।
लालू ने ट्वीट के जरिए कहा है कि गरीब, वंचित और किसान को संकट से निकालने के लिए हम नया आंदोलन खड़ा करेंगे। शरद भाई, आइए सभी मिलकर दक्षिणपंथी तानाशाही को नेस्तनाबूद करें।
ग़रीब,वंचित और किसान को संकट/आपदा से निकालने के लिये हम नया आंदोलन खड़ा करेंगे।शरद भाई,आइये सभी मिलकर दक्षिणपंथी तानाशाही को नेस्तनाबूद करे
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) July 29, 2017
हमने और शरद यादव जी ने साथ लाठी खाई है, संघर्ष किया है।आज देश को फिर संघर्ष की ज़रूरत है। शोषित और उत्पीडित वर्गों के लिए हमें लड़ना होगा।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) July 29, 2017
हालांकि शरद यादव की तरफ से अभी कोई ऑफिशियल बयान नहीं आया है कि वह किसका साथ देंगे।