बिहार की राजनीति में हुए घमासान के बाद कई नेताओँ में आपसी मतभेद जारी है। इन में सबसे बड़ा मतभेद नीतीश कुमार और शरद यादव के बीच माना जा रहा है। कई दिनों से चुप शरद यादव ने रविवार को एक ट्वीट द्वारा कुछ संकेत दिए हैं। ट्वीट में उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि ‘न ही विदेशों में जमा कालाधन भारत लाया गया है, जो कि सत्ता में बैठी पार्टी का मुख्य नारा था और न ही पनामा पेपर्स मामले में किसी को पकड़ा गया।

उधर लालू प्रसाद यादव किसी भी हालत में किसी भी तरह का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते इस कारण उन्होंने शरद यादव और जीतन राम मांझी को राजद में आने का न्यौता दिया है।

बिहार की सियासत में नीतीश का बीजेपी के साथ गठबंधन करना उनके ही पार्टी के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं को नागवार गुजरा है। वरिष्ठ नेता शरद यादव भी अचरज में है कि वो करे तो क्या करें। हालांकि शरद यादव ने ट्वीट के जरिए संकेत दिए हैं कि वो इस गठबंधन से बिल्कुल भी खुश नहीं है और वह बीजेपी के कामों से खुश नहीं हैं। उधर लालू प्रसाद यादव भी मौके को भुनाते हुए बीजेपी के विरोध में होने वाली 27 अगस्त की रैली में शरद यादव के साथ-साथ जीतन राम मांझी को भी शामिल होने का न्यौता दिया है।

लालू ने ट्वीट के जरिए कहा है कि  गरीब, वंचित और किसान को संकट से निकालने के लिए हम नया आंदोलन खड़ा करेंगे। शरद भाई, आइए सभी मिलकर दक्षिणपंथी तानाशाही को नेस्तनाबूद करें।

हालांकि शरद यादव की तरफ से अभी कोई ऑफिशियल बयान नहीं आया है कि वह किसका साथ देंगे।

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