टेररफंडिंग मामले की जांच कर रही एनआईए ने रविवार को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े अहम ठिकानों पर छापे मारे और कुछ बड़े खुलासे भी किए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने खुलासा किया है कि अलगाववादी नेताओं के आईएसआई ,दाऊद इब्राहिम और सैयद सलाहुद्दीन जैसे नेताओं से संबंध हैं। एनआईए का कहना है कि कश्मीर में आतंक और अशांति फैलाने के लिए अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई पैसे देती है।

इसके अलावा एनआईए ने हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गीलानी के छोटे बेटे नसीम गीलानी को इस सिलसिले में पूछताछ के लिए आज दिल्ली समन किया है।  रविवार को एनआईए ने हुर्रियत लीगल सेल के सदस्य और जम्मू एवं कश्मीर सोशल पीस फोरम के अध्यक्ष देविंदर सिंह बहल के घर छापेमारी की और घंटों पूछताछ की थी। एनआईए का कहना है कि देविंदर सिंह बहल टेरर फंडिंग के पाकिस्तान और अलगाववादी नेताओं के बीच लिंक का काम करता है।

वहीं छापेमारी के दौरान एनआईए को 4 मोबाइल फ़ोन, एक टैबलेट, कई दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और दूसरे कागजात मिले हैं। इसके अलावा  एनआईए  को अगलाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद के घर से एक कैलेंडर भी मिला है। गिलानी द्वारा जारी किए गए इस कैलेंडर में पिछले साल हुए बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद की उन तारीखों का जिक्र है जिनमें कश्मीर में प्रदर्शन किए गए और अशांति फैलाने की कोशिश की गई। इस कैलेंडर के सामने आने से यह भी साफ हो गया है कि बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में एक योजनाबद्ध तरीके से अशांति फैलाई गई थी।

इससे पहले एनआईए ने आठ अलगाववादी नेताओं को कश्मीर घाटी में आतंकवादी वित्त पोषण के संबंध में गिरफ्तार किया था। इसमें शब्बीर शाह, अल्ताफ शाह, अयाज अकबर, पीर सैफुल्ला, मेहराज कलवल, शाहिद-उल-इस्लाम, नईम खान और बिट्टा कराटे शामिल हैं।

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