CJI N. V. Ramana द्वारा महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण वाले बयान का SCBA के Vice President प्रदीप राय ने किया स्वागत

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Senior Advocate Supreme Court of India Pradeep Rai
Senior Advocate Supreme Court of India Pradeep Rai

भारत के न्यायाधीश नूतलपाटि वेंकटरमण (Chief Justice of India N. V. Ramana) द्वारा न्यायपालिका में 50 फीसदी महिला आरक्षण (Women Reservation in Judiciary) पर दिए गए बयान का सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता (Senior Advocate Supreme Court of India) प्रदीप राय ने स्वागत किया है। सुप्रीप कोर्ट बार एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट प्रदीप राय (Vice President of Supreme Court Bar Association Pradeep Rai) ने कहा, “माननीय मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमना का जो बयान आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए। इसके लिए उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया है कि वे अपनी आवाज बुलंद करें। आरक्षण के लिए लड़ें। सीजेआई द्वारा दिया गया यह बयान स्वागत योग्य है। यह एक अच्छा और व्यावहारिक कदम है। इससे आधी आबादी को न्याय मिलेग।”

यह धरातल पर भी दिखना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय ने भारत के मुख्‍य न्‍यायाधीश से आग्रह करते हुए कहा, ”अगर हम इस तरह की बात कर रहे हैं तो हमें इसे धरातल पर भी लाना चाहिए। अब हाई कोर्ट में जो नई भर्तियां होने वाली है कम से कम यह उसमें दिखना चाहिए।”

वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय ने कहा, ”आपने जरूर सुप्रीम कोर्ट में 4 महिला न्यायाधीशों को दिया है। लेकिन मैं आग्रह करता हूं कि हाई कोर्ट में उनकी बड़ी संख्या होनी चाहिए। यह बहुत ही व्यापक, स्वाभाविक और स्वागत योग्य कदम है।”

मैं नहीं चाहता कि आप रोएं: CJI

बता दें कि रविवार को जस्‍टिस एनवी रमना ने न्यायपालिका में महिलाओं के लिए 50 फीसद आरक्षण का समर्थन करते हुए कहा था कि मैं नहीं चाहता कि आप रोएं, बल्कि आपको गुस्से के साथ चिल्लाना होगा और मांग करनी होगी कि हम 50 प्रतिशत आरक्षण चाहती हैं।’ यह हजारों सालों के दमन का विषय है और महिलाओं को आरक्षण का अधिकार है।

उन्होंने कहा था कि ‘यह अधिकार का विषय है, दया का नहीं।’ जस्टिस रमना ने कहा, ”मैं देश के सभी विधि संस्थानों में महिलाओं के लिए एक निश्चित प्रतिशत आरक्षण की मांग की पुरजोर सिफारिश और समर्थन करता हूं ताकि वे न्यायपालिका में शामिल हो सकें।”

गौरतलब है कि कार्यपालिका से लेकर विधायिका तक में महिलाओं के लिए अभी 33 फीसद आरक्षण की ही मांग पूरी नहीं हुई है इस बीच प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने न्यायपालिका में महिलाओं के लिए 50 फीसद आरक्षण का समर्थन कर दिया है।

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