कंपनी या संस्था प्राईवेट हो या सरकारी, वो तभी सफल हो सकती है जब उसमें काम कर रहे लोग अपने पूरे दिल और दिमाग से उसके विकास के लिए तत्पर हों। अक्सर देखा जाता है कि संस्था अपने कर्मचारियों का शोषण करने लगती है जिससे कर्मचारी अपना सौ प्रतिशत चाह कर भी कंपनी को नहीं देता। लेकिन वर्तमान समय स्थिति ऐसी नहीं है। आज लगभग सभी संस्थाएं अपने कर्मचारियों को नए-नए सौगात दे रही है। इसी में अब सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का नाम भी शामिल हो गया है। एसबीआई ने अपने कर्मचारियों को शोक मनाने के लिए अवकाश देने का नया नियम निकाला है। ऐसा पहली बार हुआ है कि भारत में पब्लिक सेक्टर का कोई बैंक अपने कर्मचारियों की ऐसी छुट्टी देगा।
बैंक ने परिवार के किसी भी सदस्य की मौत हो जाने पर कर्मचारियों को एक सप्ताह की छुट्टी देने का फैसला किया है। टीओआई के मुताबिक यह अवकाश पेड लीव होगा। यानी इस दौरान कर्मचारी का वेतन नहीं कटेगा। ऐसे में अगर किसी भी कर्मचारी के परिवार में किसी सदस्य की मौत हो जाती है तो वो एक हफ्ते तक की पेड लीव ले सकते हैं। इसके अलावा मेडिक्लेम कवर को भी 75 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी किया जा रहा है। खबरों के मुताबिक, एसबीआई के उप महाप्रबंधक प्रशांत कुमार ने बताया है कि इस शोक अवकाश के अलावा बैंक ने उन रिटायर्ड कर्मचारियों को मेडिक्लेम प्रीमियम में 75 फीसदी रियायत देने का भी फैसला किया है जिनकी मासिक पेंशन 20 हजार रुपये या उससे कम है।
वहीं जिनकी पेंशन 20,000 से 30,000 रुपये के बीच है, उन्हें मेडिक्लेम प्रीमियम में 60 फीसदी की रियायत दी जाएगी। बैंक ने सेवारत कर्मचारियों को भी मेडिक्लेम का फायदा दिया है। अब उनके परिजनों को 100 फीसदी मेडिक्लेम कवर मिलेगा। इससे पहले यह 75 फीसदी था। उप महाप्रबंधक ने बताया कि ‘हम मल्टिनेशनल कंपनियों में लागू छुट्टी के नियमों को फॉलो कर रहे हैं। इससे एंप्लॉयीज को दुख की घड़ी में अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा।’ नियम के अनुसार परिवार के दायरे में पत्नी, पैरंट्स, सास-ससुर और बच्चे आएंगे।