इरादा पक्का हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं। ऐसा ही उदाहरण पेश किया है भारत की दो बेटियों ने जिन्होंने अपने पक्के इरादे और आत्मबल के साथ प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर साइकिल से पूरा कर लिया। दोनों लड़कियों का नाम पूजा तानाजी बाधावले (19) और सायली मिलिंद महाराव (23) है। दोनों लड़कियों ने ये यात्रा मात्र 35 दिनों में पूरी कर ली। पूजा ने कहा कि ‘हम 27 नवंबर को ट्रेन से जम्मू पहुंचे थे और 30 नवंबर से साइकिल यात्रा शुरू की थी। साइकिल यात्रा के दौरान रास्ते में लोगों ने हमारी मदद की ये हमारे लिये एक अलग अनुभव था।’

महाराष्ट्र के पुणे की दो बेटियों ने लोगों को जागरुक करने के लिए एक ऐसा मिसाल पेश किया, जो हर किसी के लिए अनुकरणीय है। दोनों बेटियों ने जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक 3,868 किलोमीटर की दूरी साइकिल से सिर्फ 35 दिनों में नाप डाली।  सफर के दौरान दोनों युवतियों ने जम्मू-कश्मीर में कड़कड़ाती ठंड, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और यूपी में घने कोहरे, राजस्थान के उदयपुर में ओखी तूफान की वजह से हो रही बारिश, गुजरात और महाराष्ट्र में ठंड और गुनगुनी धूप और कर्नाटक और तमिलनाडु में त्वचा जलाने वाली धूप का सामना किया। यात्रा के दौरान वे दो बार बीमार भी हुईं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी यात्रा पूरी कीं।

सायली मिलिंद ने कहा कि ‘हमारा उद्देश्य प्रदूषण के खतरें और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के संदेश को फैलाना था। हमने अपनी यात्रा अजय पदवाल को समर्पित की है।’ गौरतलब है अजय पदवाल का निधन लेह में साइकिल यात्रा के दौरान हुआ था। पूजा और सायली ने 3 जनवरी को अपनी साइकिल यात्रा समाप्त कर अपने घर पूणे वापस आ गईं। दोनों होनहारों ने बताया कि वो प्रतिदिन 100 से 120 किलोमीटर साइकिल चलाती थीं। इस दौरान वे 30 जगहों पर ठहरी थीं। 4 जनवरी को सुबह मुंबई पहुंचने पर दोनों युवतियों का लोगों ने ढोल-नगाड़े बजाकर स्वागत किया। पूजा टूर एंड ट्रैवल्स में डिप्लोमाधारक है जबकि सयाली पुणे के शाहू कॉलेज से बीए कर रही हैं। सफर में उन्होंने हर राज्य के मशहूर जायकों का भी आनंद लिया।

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