उत्तर  प्रदेश सरकार राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की तैयारी कर रही है। यूपी विधि आयोग ने जनसंख्या नीति को तैयार कर लिया है। खबर का खुलासा होते ही देशभर में एक नई बहस ने जन्म ले लिया है। हर राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग हो रही है। बिहार से लेकर मध्यप्रदेश में सांसद अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। बिहार सरकार में पंचायती मंत्री सम्राट चौधरी ने बिहार में भी टू चाइल्ड पॉलिसी लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि दो बच्चे वालों को पंचायत चुनाव लड़ने ही न दिया जाए।

सम्राट चौधरी का कहना है कि नगर निकाय की तर्ज पर ये सुविधा ग्राम निकायों में भी लागू होनी चाहिए। मंत्री की मांग है कि इसको लेकर कानून बनन चाहिए। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि इस बार के पंचायत चुनाव में ऐसा हो पाना संभव नहीं है।

जनसंख्या नियंत्रण कानून पर सभी मंत्री अपनी अपनी राय पेश कर रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जब इस मुद्दे पर सवाल किया गया तो उन्होने कहा कि, कानून जनसंख्या नियंत्रण नहीं कर सकता है। महिलाओं का शिक्षित होना अति आवश्यक है। शिक्षा ही जनसंख्या को काबू कर सकती है।

इस मुद्दे पर बीजेपी नेता साध्वी प्रक्षा ठाकुर ने बयान दिया है उन्होंने कहा कि, बढ़ती जनसंख्या देश के विकास मे बांधा बन रही है। इसे काबू में करना बेहद जरुरी है। कानून की जरुरत है। जनसंख्या पर लोग राजनीति करते हैं। इन्हें वोट बैंक के लिए पालते हैं।

जनता दल (यू) के नेता केसी त्यागी ने भी इस पर बयान दिया है उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पर पक्षधर है लेकिन कानून के बल पर नहीं बल्कि जागरुकता अभियान फैला कर जनसंख्या को काबू में किया जाना चाहिए।

उत्तर प्रदेश, बिहार के बाद मध्य प्रदेश में भी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग तेज़ हो गई है। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इस मसले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी है।

बता दे कि इस कानून को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने आपत्ति जताई है। विश्व हिंदू परिषद ने यूपी विधि आयोग को पत्र लिखा है। परिषद ने योगी सरकार को इस मुद्दे पर दोबारा विचार करने के लिए कहा है। परिषद का कहना है कि दो से कम बच्चे वाले लोगों को इंसेंटिव देने वाले प्वाइंट को हटा देना चाहिए

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