चीन हमेशा से ही भारत पर निशाना साधता आया है। चीन ऐसे मौके की तलाश में रहता है कि वह कैसे भारत को नीचा दिखाए। शायद इसका मुख्य कारण भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। इस बार भी चीन को भारत पर टिप्पणी करने का मौका मिल गया है। जिसका कारण है भारत की जीडीपी में भारी गिरावट।

बता दें कि इस बार भारत की जीडीपी विकास दर में गिरावट दर्ज की गई है, जिसपर चीन को भारत पर कटाक्ष करने का मौका मिल गया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत के जीडीपी की गिरावट पर टिप्पणी की है। अखबार में छपे लेख में लिखा गया है कि, भारत का विकास दर 6.1 फीसदी तक गिरने का मुख्य कारण ‘नोटबंदी’ है। चीन के अखबार में कहा गया कि, भारत ने नोटबंदी को सुधार उपायों के तौर पर अपनाया लेकिन दरअसल वह ‘अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने’ जैसा है। ग्लोबल टाइम्स का यह लेख लिखने वाले संवाददाता का नाम शियाओ शिन है। शिन ने अपने लेख में लिखा कि, ऐसा लगता है कि ‘ड्रैगन बनाम हाथी’ की रेस में भारत पिछड़ गया है। अर्थव्यवस्था में भारत चीन को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा था लेकिन जीडीपी में गिरावट आने से एक बार फिर चीन को सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था बनने का मौका मिल गया।

शिन ने अपने लेख में नोटबंदी को काफी गलत फैसला बताया। शिन ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी का काफी खराब असर पड़ता हुआ दिख रहा है। शिन ने कहा, भारत को नवंबर में की गई नोटबंदी जैसे फैसले को अपनाने से पहले गंभीरता से विचार करने की काफी जरूरत थी और अभी भी करनी चाहिए। शिन के मुताबिक भारत को खुशहाली की तरफ ले जाने के लिए आर्थिक और सामाजिक दोनों के सुधार के लिए कदम उठाने की भले ही जरूरत है, लेकिन नोटबंदी इसका सही उपाय नहीं था। इतना ही नहीं लेख में नोटबंदी को शॉक ट्रीटमेंट का नाम देते हुए इससे बचने की सलाह दी गई क्योंकि ज्यादातर भारतीय अपनी काफी जरूरत के इस्तेमाल के लिए केवल नकदी पर ही निर्भर हैं।

लेख में भारत की अर्थव्यस्था को सुधारने के लिए भारत सरकार को निजी क्षेत्रों में निवेश को बढ़ाने के लिए ज्यादा प्रभावी नीतियां अपनाने की सलाह दी गई। साथ ही लेख में लिखा गया कि, आशा है कि भारत भविष्य में अपने सुधार में इस तरह ‘अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने’ वाले कदमों से बचेगा’।

जहां एक तरफ भारत की जीडीपी में गिरावट का मुख्य कारण नोटबंदी को माना जा रहा है तो वहीं केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने इसका जिम्मेदार दुनिया भर में जारी आर्थिक मंदी को ठहराया है। अरुण जेटली ने कहा है कि देश की जीडीपी ग्रोथ पर वैश्विकआर्थिक परिस्थितियों का असर पड़ा है और वैश्विक परिदृश्य के मद्देनजर देश की जीडीपी वृद्धि दर बहुत अच्छी है, नोटबंदी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here