राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अब मुस्लिम समाज के लोगों को जन्नत के पौधे ‘रेहान’ की हकीकत बताएगा। दरअसल आरएसएस का कहना है कि मुसलमानों के पवित्र कुरान में जिस जन्नत के पौधे का जिक्र किया गया है वो कुछ और नहीं बल्कि तुलसी का पौधा है।

एक  हिंदी अखबार से बातचीत में संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने बताया कि ‘हर मुस्लिम के घर पर स्वर्ग यानी जन्नत का पौधा होना चाहिए। इंद्रेश का कहना है कि कुरान में रेहान का ज्रिक है, जो तुलसी का ही पौधा है लेकिन मौलाना इस बात को छुपाते रहे हैं और नफरत फैलाने का काम करते रहे हैं। इंद्रेश कुमार का मानना है कि रेहान अरबी भाषा का शब्द है, जिसे अंग्रेजी में बैजल और हिंदी में तुलसी कहते हैं।

बात इतनी ही नहीं है। लखनऊ में तो आरएसएस समर्थित मुस्लिम मंच ने मुसलमानों के घरों में पौधे लगाए हैं और इसे जन्नती झाड़ कहा गया है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के यूपी कोआर्डिनेटर मेराजिध्वज सिंह ने कहा कि इस्लाम में तुलसी को रेहान कहा जाता है, जो  कि बहुत पवित्र माना जाता है। वहीं रूहेलखंड के कोआर्डिनेटर मौलाना मोहम्मद इस्लाम सुल्तानी ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि वह मुस्लिमों को 1500 पौधे बांटने में सक्षम हैं।

मौलाना मोहम्मद इस्लाम सुल्तानी की माने तो तुलसी का पौधा घर पर लगाने से रोग भागते हैं। यह हमारे समाज का दुर्भाग्य है कि पेड़-पौधे भी धर्म के नाम से बंटे हुए हैं। सुल्तानी ने लगभग 251 तुलसी के पौधे बांटे हैं।

आरएसएस का कहना है कि भाईचारे की बजाय नफरत को बढ़ावा देने वाले लोग ही तुलसी को हिंदू से जोड़ते हैं और इस तरह प्रचार करते हैं कि जैसे तुलसी सिर्फ हिंदुओं का ही है और मुस्लिमों को इससे दूर रहना चाहिए। पर अब हम तुलसी का पेड़ बांट कर सही मायने में भाईचारा बढ़ाएंगे।

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